मूलरूप से मंदसौर और अब रतलाम में रहने वाले अधिवक्ता चंद्रशेखर शुक्ला व उर्मिला शुक्ला के बेटे हिमांशु शुक्ला भी उन विशेष वैज्ञानिकों की टीम में शामिल हैं, जिन्होंने चंद्रयान-2 की सफल उड़ान में अहम भूमिका निभाई है। हिमांशु छह साल से इसरो में बतौर इंजीनियर सेवाएं दे रहे हैं। वे इसरो के उन विशेष वैज्ञानिकों की टीम का हिस्सा हैं, जिन्होंने चंद्रयान-2 का बूस्टर तैयार किया है।
चंद्रयान-2 मिशन में जुटे इसरो के 300 वैज्ञानिकों की टीम में हिमांशु के शामिल होने से सोमवार को चंद्रयान की लांचिंग के दौरान शहरवासियों में भी उत्सुकता बनी रही। हिमांशु ने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन से बीई किया है। इसके बाद वे इसरो से जुड़े। पिता चंद्रशेखर ने बताया कि हिमांशु सोमवार को लांचिंग के बाद हिमांशु ने मां से बात की और खुशी जताते हुए कहा कि अब छुट्टी मिल जाएगी। वह रक्षाबंधन पर घर आएगा
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