विपक्ष ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के अनेक शहरों में जिला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का अभाव है
विधानसभा में रविवार को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने स्वीकार किया कि प्रदेश में 70 प्रतिशत डॉक्टरों की कमी है। 15 साल बाद स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र इसी स्थिति में मिला है। चिकित्सा अधिकारी के लिए मप्र लोक सेवा आयोग से 1065 पदों का विज्ञापन जारी किए गए हैं। खाली पदों को भरने के लिए वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से लगातार कार्रवाही की जा रही है। चयन सूची अभी नहीं मिली है।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में बड़ी संख्या में डॉॅक्टर हैं, लेकिन कई जिला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खाली पड़े हैं। इसके लिए शहरों से 50 फीसदी डॉक्टरों को बाकी शहरों में भेजा जाए। उनके इस सुझाव पर स्वास्थ्य मंत्री ने सहमति जताई
खातेगांव में जल्द भरे जाएंगे डॉक्टरों के खाली पद
विधायक आशीष शर्मा के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि खातेगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए विशेषज्ञों के तीन और चिकित्सा अधिकारी के दो पद स्वीकृत हैं। अभी वहां दो नियमित चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं, जो लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। वहीं मंत्री ने सदन में बुरहानपुर जिला अस्पताल को आधुनिक उपकरणों से लैस एंबुलेंस तीस दिन के भीतर देने की घोषणा भी की
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