मप्र हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। इसके तहत राज्य की सभी जेलों में बंदियों का नियमित मेडिकल चेकअप करने कहा गया है। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं लेने पर विशेष जोर दिया गया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान शासकीय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस केन्द्रीय कारागार, जबलपुर के अधीक्षक जीपी ताम्रकार हाजिर हुए। कोर्ट ने उन्हें राज्य शासन से निर्देश हासिल कर यह बताने कहा है कि केन्द्रीय कारागार, जबलपुर में चिकित्सकों के दो रिक्त पद आखिर कब तक भर लिए जाएंगे? इसके साथ ही कोर्ट ने यह व्यवस्था भी दी कि जब तक रिक्त पद भरे नहीं जाते, तब तक चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। मामले में अधिवक्ता विजयेन्द्र चौधरी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जेल में बंदियों का नियमित मेडिकल चेकअप नहीं किया जा रहा है
जबलपुर जेल में 3 पद स्वीकृत, महज 1 पदस्थ
ताम्रकार ने कोर्ट को बताया कि जबलपुर जेल में चिकित्सकों के कुल तीन पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में महज एक पदस्थ हैं
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