प्रदेश में अब घरेलू विवाद में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पति-पत्नी समझौता कर सकेंगे। ऐसे मामलों में न्यायालय आपसी सहमति से प्रकरण समाप्त करेंगे। बुधवार को दंड विधि (मप्र संशोधन) विधेयक 2019 सदन में सर्वसम्मति से पारित हो गया। इसी विधेयक पर चर्चा के दौरान ही सदन में फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनी थी।
विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव सदन के सामने रखा था। जिस पर चर्चा करते हुए विधायक केदारनाथ शुक्ला ने धारा 498 में किए जा रहे संशोधन को अच्छा बताया। उन्होंने कहा कि इस संशोधन के बाद पति-पत्नी के आपसी विवाद से परिवार टूटने से बच जाएंगे
विधेयक में दूसरे शहर, जिले या राज्य में निवासरत गवाह की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा भरण-पोषण के लिए माता-पिता अपने बच्चों के खिलाफ स्थानीय न्यायालय में केस लगा सकेंगे।
अभी माता-पिता को उस शहर में जाकर केस लगाना पड़ता था, जहां बच्चे निवास करते हैं। विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि अब गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देने जैसे मामलों में दोनों पक्ष आपसी सहमति से राजीनामा कर सकेंगे। अभी तक राजीनामा करने का प्रावधान नहीं था। जिस कारण आरोपित पक्ष को पुलिस परेशान करती थी
0 टिप्पणियाँ