भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान प्रोजेक्ट पर सभी की नजरें हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिये भारत पहली बार अंतरिक्ष में मानवयान भेजने जा रहा है। इन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अब इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अपना स्पेस सूट बनाने की कोशिशों में है। ISRO के बेंगलुरु स्थित सेंटर में इस पर काम शुरू हो चुका है। यूएन स्पेस जनरेशन एडवायजरी काउंसिल, ऑस्ट्रेलिया की सदस्य और स्पेस एजुकेटर अपूर्वा जाखड़ी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस साल पहली बार अंतरिक्ष में मानव यान भेजने के प्रोग्राम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 7 दिनों के लिए 3 एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में रहेंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए 2022 की समयसीमा तय की गई है। गगनयान एक ऑर्बिटल स्पेसक्रॉफ्ट होगा
अपूर्वा जाखड़ी ने बताया 'पूर्व में नारंगी रंग का स्पेस सूट था जिसे NASA द्वारा भी उपयोग किया जाता था, लेकिन अब भारत ने खुद का स्पेस सूट डिजाइन करना शुरू कर दिया है। एक स्पेस सूट बनाने में करोड़ों रुपयों की लागत आती है क्योंकि इसके माध्यम से सुनिश्चित होता है कि अंतरिक्ष के वातावरण में रहने वाले व्यक्ति के शरीर को कोई नुकसान ना पहुंचें।' जाखड़ी ने एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं।
जाखड़ी ने ISRO के भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा बताते हुए कहा कि अगले तीन सालों के लिए ISRO ने 20 मिशन के लिए योजना बना रखी है। इसमें 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर लैंड होने वाला चंद्रयान-2 मिशन मील का पत्थर साबित होगा। इसके साथ ही सूर्य की सतह की स्टडी करने के लिए आदित्य L1 को भेजा जाएगा
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