भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे का काम प्रदेश सरकार जल्द शुरू करना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती स्वयं परियोजना से जुड़ी तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ परियोजना को लेकर समीक्षा करेंगे। इसके मद्देनजर मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बताया जा रहा है कि एक्सप्रेस वे किस मॉडल के तहत बनाया जाना है, इसको लेकर बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। राज्य सरकार की योजना एक्सप्रेस-वे के बीच सैटेलाइट टाउन, इंडस्ट्रियल एरिया और ड्राय पोर्ट बनाने की है।
सूत्रों के मुताबिक लगभग चार-पांच हजार करोड़ रुपए की लागत वाले इस छह लेन एक्सप्रेस-वे से न सिर्फ भोपाल और इंदौर के बीच आवागमन सुविधाजनक हो जाएगा, बल्कि निवेश की संभावनाएं भी बनेंगी। यही वजह है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ इस परियोजना को जल्दी से जल्दी जमीन पर उतारने के पक्ष में हैं। सरकार का मानना है कि यह एक्सप्रेस-वे भोपाल और इंदौर के विकास को नई गति तो देगा ही औद्योगिक विकास में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके मद्देनजर लगभग 22 हजार एकड़ में अल्ट्रा मेगा इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की तैयारी हैइसके लिए जमीन लैंड पुलिंग योजना के तहत ली जाएगी। इसमें भूमि का अधिग्रहण करने की जगह भूमि स्वामी को विकसित प्लॉट दिया जाएगा। साथ ही एक निश्चित राशि भी दी जाएगी। योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत पॉलिसी को पीथमपुर के पास 500 एकड़ में शुरू किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एक्सप्रेस-वे के लिए जो जगह चुनी गई है, वहां अधिकांश सरकारी जमीन है। लगभग पांच सौ करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण पर खर्च करने होंगे। सड़क निर्माण की लागत का भार केंद्र सरकार उठाएगी। बुधवार को होने वाली बैठक में लोक निर्माण, नगरीय विकास, उद्योग सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे
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