मुंबई. आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट में 0.35% की कटौती की है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक ने बुधवार को इसका ऐलान किया। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इसमें कमी आने से बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा तो उन पर ब्याज दरें घटाने का दबाव बढ़ेगा। रेपो रेट 5.75% से घटकर 5.40% हो गया है। यह 9 साल में सबसे कम है। इससे कम 5.25% दर अप्रैल 2010 में थी। रिवर्स रेपो रेट 5.50% से घटाकर 5.15% किया गया है। रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों से कर्ज लेता है।
जरूरत पड़ने पर आगे भी दरें घटने के संकेत
अर्थव्यवस्था में सुस्ती को देखते हुए रेपो रेट में 0.25% कटौती की उम्मीद की जा रही थी लेकिन, आरबीआई ने उम्मीद से ज्यादा कटौती की। छह सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) के 4 सदस्यों ने 0.35% कटौती के समर्थन में वोट किया। दो सदस्य 0.25% कटौती चाहते थे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 35 बेसिस प्वाइंट की कमी संतुलित है। मौजूदा हालात में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कम रहती। दास ने कहा कि सभी जरूरतमंद सेक्टर्स को पर्याप्त लिक्विडिटी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा मंदी ढांचागत नहीं बल्कि चक्रीय है।मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने मौद्रिक नीति को लेकर नजरिया अकोमोडेटिव बरकरार रखा है। यानी जरूरत पड़ने पर आगे भी ब्याज दर घटाई जा सकती है।
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