भारतीय गेहूं अनुसंधान केंद्र करनाल और इंदौर के क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र की अगुआई में इंदौर में 24 से 26 अगस्त तक गेहूं और जौ पर राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। इंदौर में 17 साल बाद होने जा रहे इस सम्मेलन में देश के विभिन्न् अनुसंधान केंद्रों से लगभग 250 कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे। सम्मेलन के दौरान विभिन्न् अनुसंधान केंद्रों द्वारा विकसित की गई गेहूं की नई प्रजातियां प्रस्तावित की जाएंगी जिसमें इंदौर केंद्र की ओर से भी 4 किस्म रखी जाएंगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की हरी झंडी मिली तो इसे किसानों के लिए जारी कर दिया जाएगा। पर इससे पहले इन किस्मों को हर स्तर पर परखा जाएगा।
इंदौर केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसवी साईंप्रसाद ने बताया कि कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ 25 अगस्त को रवींद्र नाट्यगृह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर करेंगे। कार्यशाला स्थल पर कृषि प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें कृषक, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग, बीज उत्पादक और आदान व्यवसायी भी भाग लेंगेइंदौर के क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी। इंदौर में इस केंद्र की स्थापना मध्यभारत में गेहूं अनुसंधान के लिए की गई थी। केंद्र का उद्देश्य यह है कि अधिक उत्पादन क्षमता वाली गेस्र्आ रोग से मुक्त गेहूं की प्रजातियों का विकास किया जाए
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