गणेश स्थापना के साथ गणेशोत्सव की शुरुआत 2 सितंबर से होगी। इसकी तैयारियों में शहरभर की गणेशोत्सव समितियां एक महीने से जुटी हुई हैं। इस कड़ी में शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित जयरामपुर कॉलोनी में मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर में विराजित भगवान गणेश की मूर्ति और मंदिर की प्रतिकृति बनाई जाएगी। पर्यावरण संरक्षण के लिए 11 फीट ऊंची मिट्टी की मूर्ति का निर्माण ईकोफ्रेंडली तरीके से किया जा रहा है
सार्वजनिक महोत्सव समिति द्वारा आयोजित गणेश उत्सव में स्वच्छ भारत और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया जाएगा। अध्यक्ष प्रकाश लालवानी के अनुसार इस वर्ष बुद्धि के दाता गणेशजी सिद्धि विनायक (मुंबई) के रूप में नजर आएंगे। साथ ही उनके मंदिर की प्रतिकृति भी हूबहू मुंबई के मंदिर की तरह नजर आएगी। 40 बाय 60 के पंडाल में भगवान को विराजित किया जाएगा
पंडाल व गणेशजी की मूर्ति का निर्माण कोलकाता से आए बंगाली कलाकारों द्वारा पिछले एक माह से किया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार के रासायनिक रंगों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। सचिव अनिल आगा के अनुसार पिछले दस वर्ष से समिति द्वारा अलग-अलग स्वरूप में भगवान गणेश को विराजित किया जाता रहा है। इस वर्ष भी प्रतिदिन 10 दिन तक रात 9 बजे आरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों की प्रतियोगिता और भजन संध्या होगी।
कभी महाकाल तो कभी बनेंगे बालाजीमरीमाता चौराहा स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर पर 12 दिवसीय महोत्सव का श्रीगणेश 1 सितंबर को शाम 7 बजे हरतालिका तीज पर गणेश आराधना के साथ होगा। 2 सितंबर को शाम 8.30 बजे महाआरती, पुष्प श्रृंगार, छप्पन भोग के साथ गणेश महोत्सव की शुरुआत होगी। आयोजन स्थल को 11 लाख से अधिक विद्युत बल्बों से सजाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। महोत्सव में प्रतिदिन सुबह गणेशजी का विभिन्ना फलों के रसों से अभिषेक कर अलग-अलग तरह के लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा। संयोजक गोलू शुक्ला और श्रवण शुक्ला ने बताया कि भगवान हर दिन नित्य नए स्वरूप में दर्शन देंगे। इसमें तिरुपति बालाजी, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, अष्ट विनायक, दगडू सेठ और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के भगवान की तरह गणेशजी का श्रृंगार होगा
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