भोपाल संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भाजपा में अलग-थलग पड़ गई हैं। विवादित बयानों के कारण पार्टी नेताओं ने भी उनसे किनारा कर लिया है। हाल ही में भाजपा में आयोजित शोकसभा में उनके विवादित बयान को लेकर पार्टी ने भी उन्हें चेता दिया है। भाजपा ने साध्वी से कहा है कि वह जो भी बोलें सोच समझकर बोलें, विवादित बयान दिया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वालीं सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कुछ ही दिन पहले एक और विवादास्पद बयान दिया था। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें नालियां और शौचालयों को साफ करने के लिए सांसद नहीं चुना गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत योजना के खिलाफ आए इस बयान बाद कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को फटकार लगाई थी। इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने दूसरा विवादास्पद बयान दे दिया।
इससे पहले भी मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर विवादास्पद बयान साध्वी प्रज्ञा ने दिया था। ठीक लोकसभा चुनाव में मतदान से पहले जब भाजपा ने साध्वी को मौन रहने का निर्देश दिया था, तब भी उन्होंने नाथूराम गोडसे पर विवादास्पद बयान देकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थी
प्रदेश नेतृत्व के सामने धर्मसंकट
सांसद प्रज्ञा के बयानों को लेकर प्रदेश नेतृत्व के सामने भी धर्म संकट की स्थिति बन जाती है। इसकी वजह है कि सांसद होने के नाते पार्टी संविधान के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ही ले सकता हैऐसी स्थिति बनने के कारण शीर्ष नेतृत्व द्वारा भी सांसद प्रज्ञा को साफ तौर पर समझा दिया गया है कि अब आपके बयानों से विवाद खड़े नहीं होना चाहिए। मालूम हो, पार्टी संविधान के अनुसार विधायक स्तर तक के जनप्रतिनिधि के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार प्रदेश संगठन के पास है
पार्टी लाइन का ध्यान रखें
भाजपा अपने सभी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा करती है कि वक्तव्य देते समय पार्टी लाइन का ध्यान रखें। भाषणों में ऐसी कोई बात न कहें जिसके कारण पार्टी को जवाब देने में दिक्कत महसूस हो। पार्टी अपने अभ्यास वर्ग में भी सभी कार्यकर्ताओं को इस बात की लगातार समझाइश दे रही है
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