जम्मू-कश्मीर में संचार पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर एक मामले में हस्तक्षेप करने संबंधी कदम को लेकर कड़ी आलोचना का सामना कर रही भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने शीर्ष कोर्ट को यह कहने का फैसला किया है कि वह मीडिया पर किसी तरह की पाबंदी समर्थन नहीं करती। परिषद इस बारे में एक विस्तृत जवाब उसकी फैक्ट फाइंडिंग समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद देगी।
पीसीआइ ने ऐसे समय में अपना रुख स्पष्ट किया है जब एडिटर्स गिल्ड, प्रेस एसोसिएशन, इंडियन वूमेंस प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी), इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन, वर्किंग न्यूज कैमरामैंस एसोसिएशन और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने उससे शीर्ष कोर्ट से अपनी अर्जी वापस लेने के लिए कहा है
पीसीआई ने अर्जी दायर कर कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की याचिका में हस्तक्षेप की अनुमति मांगी थी। भसीन ने जम्मू-कश्मीर में संचार पर पाबंदियां हटाने की मांग की थी और कहा था कि इससे पत्रकारों को कठिनाई हो रही है।
पीसीआई के सदस्यों के एक समूह ने कदम पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीके प्रसाद के कदम से पहले या बाद में उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया
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