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अब शहर में सिख समाज के वरिष्ठ नागरिक कहीं भी रहते हों उनके पास गुरु का लंगर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है


अब शहर में सिख समाज के वरिष्ठ नागरिक कहीं भी रहते हों उनके पास गुरु का लंगर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था सिख समाज की सर्वोच्च संस्था श्री गुरुसिंघ सभा ने की है। गुरु के लंगर के लिए उन्हें सिर्फ एक फोन गुरुसिंघ सभा के गुरुद्वारा इमली साहिब स्थित कार्यालय पर करना होगा। सेवादार गुरुद्वारे में बना लंगर लेकर संबंधित व्यक्ति के पास पहुंच जाएगा। इस सेवा का निशुल्क लाभ 55 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक नियमित ले सकेंगे। गुरुसिंघ सभा के प्रचार प्रमुख देवेंद्र सिंह गांधी का कहना है कि देश में सिख समाज में इस तरह की यह पहली सेवा होगी।


गुरु नानकदेवजी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में सिख समाज द्वारा वरिष्ठ नागरिक के लिए यह योजना शुरू की गई है। शहर में समाज की जनसंख्या में करीब 70 हजार है। इसमें से 20 हजार लोग ऐसे हैं जो वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं। यह सेवा खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अलग-अलग कारणों से आर्थिक या शारीरिक रूप से असक्षम हैं। टिफिन सेवा के लिए सभा ने समाज के जरूरतमंद लोगों की जानकारी देने की बात भी समाजजन से मांगी है।


 


इसलिए शुरू की सेवा


-समाज में ऐसे बुजुर्ग हैं जिनके बच्चे शहर से बाहर नौकरी करते हैं। घर में अकेले माता-पिता हैं। इनके भोजन संबंधी असुविधा इससे खत्म होगी।


 


- इस योजना का लाभ वे बुजुर्ग भी उठा सकते हैं जो घर-परिवार में उपेक्षा का शिकार हैं।


- कई बुजुर्ग अपने परिवार से अलग जीवनयापन कर रहे हैं। यह योजना उनके लिए भी फायदेमंद है।


 


- कई बुजुर्ग शारीरिक रूप से असमर्थ हैं जिनके लिए गुरुद्वारा आना आसान नहीं है। उनके पास भी गुरु का लंगर टिफिन सेवा के माध्यम से पहुंच सकेगा।


निराश्रित महिलाओं को राशन


 


निराश्रित महिलाओं के लिए सिख समाज पिछले 15 साल से नानक भलाई केंद्र का संचालन कर रहा है। इसमें हर महीने की 1 से 5 तारीख तक 250 निराश्रित और विधवा महिलाओं को करीब 500 रुपए का राशन दिया जाता है। इसमें हर माह एक लाख 75 हजार का राशन वितरित किया जाता है। इसमें समाज के करीब 200 लोग सहयोग देते हैं। इस योजना के संचालन में करीब 25 लोग सेवा दे रहे हैं।


सात गुरुद्वारों में लंगर


 


शहरभर में समाज के 35 गुरुद्वारे हैं। इनमें से सात गुरुद्वारों में बिना भेदभाव के 24 घंटे गुरु का लंगर चलता है। इसमें गुरुद्वारा इमली साहिब, बेटमा साहिब गुरुद्वारा, गुरुद्वारा पिपल्याराव, खालसाबाग गुरुद्वारा, तेजाजी नगर गुरुद्वारा और गुरुद्वारा नानक साहब बायपास शामिल हैं। यहां लंगर कोई भी धर्म-समाज का व्यक्ति चख सकता है।


जरूरतमंदों को मिले लंगर


 


इस सेवा की शुरुआत के पीछे मकसद जरूरतमंद बुजुर्गों तक गुरु का लंगर पहुंचाना है। कई ऐसे कारण हैं जिनके कारण इन्हें उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। यह सेवा खास तौर पर उन्हीं लोगों के लिए शुरू की गई है। एक फोन पर उनके पास गुरु का लंगर पहुंचा दिया जाएगा।


-मनजीतसिंह भाटिया, प्रधान गुरुसिंघ सभा


 


असमर्थ लोगों के लिए


यह सेवा शारीरिक रूप से असमर्थ, बेघर बुजुर्ग और अपने परिवार से अलग रहने वालों वरिष्ठ नागरिक के लिए शुरू की गई है। ऐसे लोगों की जानकारी हमें दी जा सकती है, जिन्हें टिफिन सेवा की आवश्यकता है।


 


-जसबीर गांधी, महासचिव, गुरुसिंघ सभा


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