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भारत का चंद्रयान2 मिशन भले ही सॉफ्ट लैंडिंग के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है, लेकिन इसने करीब 95 फीसद सफलता हासिल की है


भारत का चंद्रयान2 मिशन भले ही सॉफ्ट लैंडिंग के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है, लेकिन इसने करीब 95 फीसद सफलता हासिल की है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के इस कदम की तारीफ देश ही नहीं दुनिया में हो रही है। जिस तरह से इसरो के वैज्ञानिकों ने इस जटिल मिशन को सीमित संसाधनों में पूरा किया है, उसे देखकर स्पेस में अग्रणी अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी हैरान है। नासा ने कहा है कि इसरो के प्रयास ने उन्हें भी प्रेरित किया है।


एक ट्वीट में नासा ने इसरो की तारीफ करते हुए कहा कि अंतरिक्ष से जुड़े मिशन कठिन होते हैं, लेकिन हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में चंद्रयान 2 अभियान के आपके प्रयासों की सराहना करते हैं। अपने सफर से आपने हमें प्रेरित किया है और भविष्‍य में हम साथ मिलकर सौर मंडल का पता लगाने के अवसरों की तलाश करेंगे


चंद्रयान 2 मिशन एक अत्यधिक जटिल मिशन था, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने के लिए बेहतर काम किया। यह इसरो के ही पिछले मिशनों की तुलना में एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि भरा मिशन था। बताते चलें कि 22 जुलाई को इस मिशन का आगाज श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से हुआ था।


 


करीब 23 दिनों तक धरती की कक्षा में घूमने के बाद चंद्रयान-2 ने 14 अगस्त को चंद्रमा के लिए अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। विक्रम लैंडर 2 सितंबर को सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से अलग हो गया था, लेकिन इसरो सॉफ्ट लैंडिंग के अपने लक्ष्य के हासिल नहीं कर सका। इस एक मात्र विफलता के बावजूद यह अभियान 95 फीसद तक सफल रहा है।


चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा की कक्षा में घूम रहा है और अगले सात सालों तक यह खगोलीय ग्रह के बारे में अहम जानकारियां धरती पर भेजता रहेगा। इससे इसरो को चंद्रमा के कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी।


 


बताते चलें कि इसरो की इस उपलब्धि के बाद नासा के अलावा रूस, इजरायल, यूएई, मॉरीशस, थाईलैंड, बुल्गारिया, श्रीलंका, मालदीव, भूटान और वियतनाम ने ंभी भारत और इसरो को चंद्रयान-2 की सफलता के लिए बधाई दी है


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