बिजली कंपनी द्वारा शहर में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी बिजली चोरी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। बिजली कंपनी के नियंत्रण कक्ष में शहर के 100 ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं को चिन्हित किया गया है, जहां रात में मीटर में छेड़छाड़ कर चोरी की जा रही है। बिजली कंपनी ने अब रात में जांच के लिए विशेष दल बनाया है।
इस माह बिजली कंपनी स्मार्ट मीटर में छेड़छाड़ कर चोरी के 19 स्थानों पर प्रकरण बना चुकी है। इनमें 32 लाख की वसूली के बिल उपभोक्ताओं को दे दिए गए हैं। स्मार्ट मीटर कंट्रोल रूम के अधीक्षण यंत्री डीएस चौहान एवं शहर अधीक्षण यंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि सघन निगरानी की कार्रवाई की जा रही है। सितंबर में निगरानी में मिले संकेतों के आधार पर दौलतगंज, मोती तबेला, खजराना, संगम नगर, राजमोहल्ला क्षेत्रों में कार्रवाई की गई।
यहां रेडियो तरंगों के जरिए गड़बड़ी के संकेट मिले। मौके पर जांच कर पुष्टि करने में ज्यादातर जगह चोरी पकड़ी गई। इंजीनियर अंकुर गुप्ता, नवीन गुप्ता, केपी सिंह की टीम ने बिजली चोरी पकड़ी अब ये टीम रात में संदिग्ध उपभोक्ताओं के घरों की जांच करेगी। ऐसे उपभोक्ताओं से दस गुना दंड के अलावा मीटर की रकम भी वसूली जाएगी।
बैंगलुरू से आया दल
बैंगलुरू इलेक्ट्रिसिटी सप्लाय कंपनी(बैस्को) के तीन अधिकारी स्मार्ट मीटर संबंधी जानकारी लेने इंदौर पहुंचे। अधिकारियों में डीजीएम सीके श्रीनाथ, डीजीएम केबी मुथुलक्ष्मी, डीजीएम बीएस दीपक शामिल थे। बेंगलुरू के अधिकारी पोलोग्राउंड मप्रपक्षेविविकं मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने चीफ इंजीनियर मीटराइजेशन एसएल करवड़िया, एसई स्मार्ट मीटर डीएस चौहान, नोडल अधिकारी नवीन गुप्ता, अंकुर गुप्ता आदि से चर्चा की।
इस दौरान बैंगलुरू के अफसरों को इंदौर की टीम ने बताया कि एस साल में स्मार्ट मीटर ने बिलिंग क्षमता बढ़ाने, चोरी रोकने, आपूर्ति सुधारने में काफी अच्छी भूमिका निभाई हैं। रीडिंग में समय एवं खर्च बचा है। बिजली चोरी पर काफी हद तक अंकुश लगा है। साथ ही खर्च पर कमी आई है। बिल नहीं भरने पर लाइन काटने के वक्त विवाद भी बंद हो गए हैं। पूरे 1.20 लाख मीटर लगने के बाद इंदौर शहर में प्रति यूनिट बिजली राजस्व और बढ़ेगा
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