किसानों की कर्जमाफी में अभी कई पेंच और हैं। अब जनपद और बैंकों के आंकड़ों का मिलान नहीं हो रहा है। चार-पांच हजार आवेदन पत्र तो ऐसे हैं, जिनका आधार नंबर ही रिकॉर्ड में नहीं है।
वहीं, ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनके नाम बैंक की सूची में नहीं है पर किसान कह रहे हैं कि हमने तो कर्ज लिया है। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी में निर्णय के बाद अब इन सभी मामलों का निपटारा करने में कृषि और सहकारिता विभाग जुट गया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीन तरह के किसानों के मामले अभी उलझे हुए हैं। इनमें वे किसान हैं, जिन्होंने जो आधार नंबर दिए हैं, वह रिकॉर्ड में ही नहीं है। दरअसल, आधार नंबर की पड़ताल के लिए जब सॉफ्टवेयर में नंबर डाले गए तो उसने चार से पांच हजार नंबरों को अस्वीकार कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि जनपद स्तर पर जो आवेदन आए, उनमें से किसी में मोबाइल नंबर दर्ज कराए गए हैं तो किसी में शून्य-शून्य ही लिखा है। ऐसे प्रकरणों का अब खातों से मिलान कराया जाएगा। यदि खाते सही पाए जाते हैं तो किसानों से उनके वास्तविक आधार नंबर लेकर प्रकरण आगे बढ़ाए जाएंगे।
वहीं, एक से दो लाख मामले ऐसे लंबित हैं, जिनमें कर्ज की राशि को लेकर विवाद है। किसी मामले में बैंक राशि कम बता रहा है तो किसी में अधिक। कुछ मामलों में किसान कह रहे हैं कि हमने कर्ज नहीं लिया और कर्जदार की सूची में नाम आ गए।
इसी तरह कुछ प्रकरण ऐसे भी सामने आए हैं, जिसमें किसान दावा कर रहे हैं कि उन्होंने कर्ज लिया है पर बैंक के रिकॉर्ड में उनका नाम नहीं है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बैंक शाखा और सहकारी समिति के स्तर पर किसानों के नाम पर फर्जी कर्ज के मामले सामने आ चुके हैं। इन सभी की पड़ताल कराई जा रही है।
सात लाख किसानों ने आवेदन ही नहीं किए
सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लगभग 48 लाख किसानों के कुल 55 लाख खातों की सूची प्रकाशित की गई। सात लाख किसानों ने कर्जमाफी के लिए आवेदन ही नहीं किए। करीब चार लाख 80 हजार किसान ऐसे हैं, जिन पर दो लाख रुपए से अधिक का कर्ज है।
20 लाख किसानों को कर्जमाफी सरकार दे चुकी है। इनमे एनपीए और चालू खाते वाले सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण विकास बैंकों के किसान शामिल हैं। झाबुआ जिले में ऐसे सभी किसानों का कर्जमाफ हो चुका है, जिनके प्रकरण में कोई विवाद नहीं था।
एक ही खाते का होगा माफ
सूत्रों का कहना है कि सरकार किसान के एक खाते का कर्ज माफ करेगी। दरअसल, कई किसानों के दो या इससे अधिक खाते हैं। ऐसे मामलों में सरकार ने कर्जमाफी के लिए जो प्राथमिकता (सहकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण विकास और राष्ट्रीयकृत बैंक) तय की है, उसके हिसाब से कर्जमाफी होगी
0 टिप्पणियाँ