दिग्विजय कॉलेज में बीजेएमसी के छात्र व शहर से लगे ग्राम सोमनी में रहने वाले रोहित झा ने एशिया की सबसे ऊंची लेह-लद्दाख की ट्रेकिंग चोटी पर तिरंगा फहराकर नया कीर्तिमान हासिल किया है। इस उपलब्धि के साथ रोहित प्रदेश के पहले पर्वतारोही बन गए हैं। रोहित के साथ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से निशु सिंह का भी इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन में चयन हुआ था, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने से निशु फाउंडेशन का टास्क पूरा नहीं कर पाई। रोहित के साथ उत्तरप्रदेश और राजस्थान के भी दो-दो प्रतिभागी थे, जिन्होंने 21 हजार 185 फीट ऊंची लेह-लद्दाख की स्टोक कांग्डी ट्रेकिंग चोटी पर तिरंगा फहराने का गौरव हासिल किया।
25 अगस्त से शुरू किया था सफर
रोहित झा ने बताया कि पर्वतारोहण की शुरुआत 25 अगस्त से की थी। पांच दिन बाद यानी 30 अगस्त को सुबह करीब साढ़े सात बजे उसने एशिया की सबसे ऊंची चोटी मानी जाने वाली लेह-लद्दाख की ट्रेकिंग चोटी पर तिरंगा फहराया। रोहित ने बताया कि सभी दिनभर ट्रेकिंग कर रात में आाराम करते थे। लेकिन अंतिम दिन जब 16 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे तो सभी ने बर्फ पर चढ़ाई की। रात साढ़े नौ बजे से चढ़ाई शुरू कर रोहित व अन्य प्रतिभागी दूसरे दिन सुबह साढ़े सात बजे चोटी पर पहुंचे।
दिग्विजय कॉलेज का छात्र है रोहित
राजनांदगांव से महज 11 किमी दूर सोमनी में रहने वाले नवीन झा व रेणुदेवी झा का बेटा रोहित दिग्विजय कॉलेज का छात्र है। वो कॉलेज में बीजेएमसी की पढ़ाई कर रहा है। स्कूल की पढ़ाई के बाद से ही रोहित को पर्वतारोहण का शौक था। कई एडवेंचर भी किया करता था, जिसके आधार पर इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से रोहित को मौका मिला। इस मौके को रोहित ने हाथ से जाने भी नहीं दिया
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