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दुर्लभ प्रजाति के तेंदुए की खाल सहित पकड़े गए तस्कर ने पैसों की बारिश कराने के लिए खाल खरीदी थी


दौर। दुर्लभ प्रजाति के तेंदुए की खाल सहित पकड़े गए तस्कर ने पैसों की बारिश कराने के लिए खाल खरीदी थी। कथित तंत्र क्रिया के बाद वह खाल बेचने की फिराक में था। आरोपित को नौ सितंबर तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।


एसटीएफ और वन विभाग की स्पेशल ट्रास्क फोर्स वाइल्ड लाइफ ने संयुक्त करवाई कर तस्कर गफ्फार को फ्रेंड्स कॉलोनी से गिरफ्तार किया था। उसके घर से दुर्लभ प्रजाति के तेंदुए मॉर्फ की खाल जब्त की गई थी। गुरुवार को एसटीएफ ने आरोपित को वन विभाग को सौंप दिया। विभाग ने शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया। वहां से रिमांड पर भेज दिया गया। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोपित से पूछताछ शुरू कर दी है। विभाग के सूत्रों के मुताबिक गफ्फार ने तंत्र क्रियाओं के लिए 80 हजार रुपए में खाल खरीदी थी। तंत्र क्रिया पूरी होने के बाद वह उसे बेचना चाहता था। कुछ लोगों से सौदे को लेकर बातचीत चल रही थी।


 


जांच के लिए भेजे सैंपल


अधिकारियों ने हैदराबाद स्थित लैब में डीएनए जांच के लिए खाल के सैंपल भेजे हैं। अधिकारी जानना चाह रहे हैं कि किसी बीमारी की वजह से उसके शरीर पर धब्बों के बजाय धारियां बनीं या कोई और वजह रही। स्पेशल टास्क फोर्स वाइल्ड लाइफ के एपीसीसीएफ जसबीर चौहान ने बताया कि खाल की वास्तविकता जानने के लिए इसकी जांच कराई जाएगी। इससे तेंदुए की प्रजाति और बीमारी आदि के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इनामी तस्कर के खिलाफ कई और भी प्रकरण सामने आए हैं। इस पूरे मामले में एक बड़े गिरोह के शामिल होने की जानकारी भी सामने आ रही है। टीम सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।


 


एक लाख रुपए में तेंदुए के शिकार की दी थी सुपारी


वन विभाग के मुताबिक शिकार के लिए बलदेव और शाकिर मौलाना ने सेंधवा निवासी आरोपित शिवा बाबा को कहा था। इसके बदले में एक लाख रुपए देना तय हुआ था। शिवा ने जंगल में पिंजरा लगाया था, जिसमें यह दुर्लभ प्रजाति का तेंदुआ फंस गया। शिकार करने के बाद शाकिर और बलदेव ने शिवा को 60 हजार रुपए नकद और 40 हजार का चेक दिया था, लेकिन चेक बाउंस होने पर तीनों में विवाद हो गया। इस बीच शिवा ने एक पंजा बेच दिया। बाकी दोनों आरोपित ने दो पंजों के नाखून, मूंछ के बाल और दांत बेच दिए। पिछले साल नवंबर में तीनों आरोपितों को पकड़ा गया था। आरोपितों से पूछताछ में गफ्फार के बारे में जानकारी मिली थी। तब से ही उसकी तलाश की जा रही थी। वन विभाग ने उस पर पांच हजार का इनाम भी रखा था


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