श्रीराम और गोमाता देश के गौरव हैं। गोमाता किसी हिंदू-मुस्लिम की नहीं हो सकती है। वह तो माता है। वह हमारी आरोग्य शास्त्र, धर्म शास्त्र, अर्थशास्त्र और आध्यात्म शास्त्र है। उसके मल-मूत्र में औषधीय गुण हैंं। उसकी हत्या होती है तो परमात्मा भी सोचता होगा यह क्या हो रहा है। लिहाजा गोहत्या रोकने के लिए देशव्यापी कानून का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। यह कहना है केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी का। वे भोपाल में 29वीं इंडियन वेटरनरी कॉन्फेंस में बोल रहे थे।
सारंगी ने कहा कि यही बात श्रीराम के साथ है। सभी को पता है कि राम का अयोध्या में मंदिर था। इसे आक्रांता बाबर ने तोड़ा था। इतिहास इसका गवाह है। इस गौरव को सेक्युलरिज्म से जोड़ा जाता है। राष्ट्रीय हित में हमें पार्टी से ऊपर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भी 'रघुपति राघव राजा राम" गाते थे।
सारंगी ने यह भी कहा कि यह सही है कि गाय और राम के नाम पर हम राजनीति करते हैं, लेकिन यह राष्ट्रीय गौरव हैं। यह बात उन्होंने मप्र के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव के उस बयान के बाद कही जिसमें यादव ने कहा था कि गोमाता पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार प्रदेश में 15 साल रही, पर एक भी गोशाला नहीं बनाई गई।
सारंगी ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन भारत में होने के बाद भी हम खुश नहीं हो सकते। वजह, देश में प्रति व्यक्ति दूध का उत्पादन और खपत 275 एमएल है। गरीब और बीमार को दूध नहीं मिल पा रहा है। इस दौरान पशुपालन विभाग के एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि पशुपालन विभाग का बजट स्वास्थ्य विभाग के बराबर होना चाहिए।इसमें आयुर्वेद, होम्योपैथी इलाज की शुरुआत होनी चाहिए। सम्मेलन में इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन महासचिव धर्मेंद्र सिन्हा व अन्य पदाधिकारियों ने दूध का समर्थन मूल्य तय करने की मांग की।
प्रदेश में नवंबर तक तैयार हो जाएंगी 2026 गोशालाएं
कायक्रम में मप्र के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश में 7 लाख निराश्रित गायें हैं। इनके लिए 2026 गोशालाएं बनाई जा रही हैं। इनमें 400 स्मार्ट गोशालाएं हैं। उन्होंने बताया कि 7 लाख आंकड़ा 2012 की पशु संगणना के अनुसार है। अब यह आंकड़ा 10 लाख तक पहुंच चुका होगा। अभी प्रदेश 626 निजी गौशालाएं हैं। राज्य सरकार प्रति गाय रोजाना 3.32 रुपए दे रही है।
खादी की री-ब्रांडिंग कर दुनिया को बता रहे फायदा, नई डिजाइन भी लेकर आएंगे
प्रताप चंद्र सारंगी से नईदुनिया की विशेष बातचीत
भोपाल। खादी की री-ब्रांडिंग कर दुनिया को उसके फायदे बता रहे हैं। ज्यादा फोकस युवा वर्ग पर है। इस वर्ग को खादी से जोड़ने के लिए नई डिजाइन लेकर आएंगे। बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट को डिजाइन तैयार करने का काम दिया है। देश के अंदर व दुनिया के नामी कपड़ा ब्रांडों से समझौते किए जा रहे हैं, वे भारतीय ब्रांड के नाम से खादी को बेचेंगे। कुछ ब्रांडों से टाइअप हो चुका है। जब देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है तब उनके द्वारा अपनाई गई खादी को हर घर तक पहुंचाने का काम पूरा कर रहे हैं। इसमें सफलता भी मिलेगी। ये बातें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कही। वे भोपाल में स्थित राज्य पशुपालन प्रशिक्षण केंद्र के सभागार में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
नईदुनिया से विशेष चर्चा में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने बताया कि दुनिया के ज्यादातर देशों के सामने पानी को सहेजने की चुनौती है। लगभग सभी देश इस पर काम कर रहे हैं। कपड़ों में खादी ही एकमात्र है जिसे धुलने में बहुत कम पानी लगता है। यह बात दुनिया को वैज्ञानिक आधार पर बता रहे हैं ताकि खादी को अपनाकर पानी बचाया जा सके। इसी तरह तापमान बढ़ रहा है, गर्मी से लोग परेशान हैं।
खादी गर्मी से भी राहत देने का काम करती है। खादी पर्यावरण फ्रेंडली है और आज दुनिया को पर्यावरण फ्रेंडली उत्पादों की जरूरत भी है। इन तमाम फायदों को हर मंच पर बता रहे हैं। खादी को नए कलेवर में दुनिया के सामने लेकर आने के लिए कई स्तर पर काम कर रहे हैं
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