कैंसर की जंग जीतकर लौटे ऋषि कपूर का आज 4 सितंबर को जन्मदिन है। ऋषि कपूर ने पिछले साल एक ट्वीट कर कहा था कि वे कुछ समय सोशल मीडिया से दूर रहेंगे और इसी के बाद अटकलें शुरू हो गई थी कि ऋषि कपूर कैंसर का इलाज करवा रहे हैं। इसके बाद ऋषि कपूर और उनके परिवार ने इसकी पुष्टी की थी। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान ऋषि ने कहा कि भगवान मुझ पर बहुत मेहरबान है और अब मैं कैंसर फ्री हूं।
उनके बर्थ डे के मौके पर जानिए ऋषि कपूर की ऐसी फिल्में जिसमें उन्होंने लीक से हटकर भूमिका निभाई थी। ऐसी 8 फिल्में जिसमें उनके दमदार किरदार को देखकर हर कोई हैरान थाकपूर परिवार से किसी आम मध्यमवर्गीय व्यक्ति के रूप में किसी की भी कल्पना करना मुश्किल है, जिसकी इनकम परिवार की केवल बेसिक जरूरत ही पूरी करती है। दो दूनी चार में, उन्होंने संतोष दुग्गल की भूमिका निभाई, जो एक स्कूल शिक्षक थे। उनके पास खुद की कार होने के सपने थे। उन्होंने किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाया और क्रिटिक्स और दर्शकों ने समान रूप से प्रशंसा कीडीन योगेंद्र वशिष्ठ केवल एक संस्थान के प्रिंसिपल नहीं थे, वह एक दोस्त और एक गार्जियन थे। उन्होंने फिल्म में गे कैरेक्टर प्ले किया और उन्होंने उस भूमिका को शिद्दत के साथ निभाया। यदि लोग उस पर हंसते थे, तो वह उनके साथ हंसता और फिर भी सभी उसका सम्मान करते। इस तरह के एक लेयर्ड कैरेक्टर के साथ, ऋषि कपूर ने इस रोल को इतना बेहतरीन निभाया कि उनकी जगह किसी और एक्टर की कल्पना नहीं कर सकतेइस फिल्म में ऋषि कपूर का किरदार रऊफ लाला था लेकिन इस किरदार के नाम का पहला चॉइस शायद खौफ लाला था। उन्होंने एक अंडरवर्ल्ड डॉन की भूमिका निभाई, जो एक मीट बिजनेस का मालिक था और साथ ही साथ ड्रग तस्करी और वेश्यावृत्ति भी करता था। इस डरावने और खौफ पैदा करने वाले किरदार में उन्हें देखना वाकई हैरान करने वाला थामिस्टर जोसेफ फर्टाडो खतरनाक विलेन, मीडिल क्लास टीचर या अंडरवर्ल्ड माफिया के विपरीत था। इस फिल्म में, ऋषि कपूर ने एक चिल्ड कैरेक्टर निभाया है जो कि अपने 40 के दशक का सज्जन व्यक्ति था, फिर से प्यार पाने की कोशिश कर रहा थायह काफी साफ है कि इकबाल सेठ उर्फ गोल्डमैन का किरदार शिथिल रूप से दाऊद अब्राहम पर आधारित है। इस अंडरवर्ल्ड डॉन के बारे में जो कुछ भी पता है, उसके लिए इसे अडैप्ट करना काफी मुश्किल है। इस किरदार के लुक को भी ऋषि ने जिस तरह जिया, वह तारीफ के काबिल हैअमरजीत कपूर उर्फ दादू का किरदार काफी दिलचस्प था। इस किरदार में ऋषि एकदम से पहचान में ही नहीं आते हैं। इस मजेदार किरदार को निभाते हुए दिल खुश कर देते हैं। वह एक 90 से ज्यादा उम्र के दादा हैकपूर एंड सन्स के पूरे अपोजिट कैरेक्टर, 75 साल के बाबुलाल वखारिया का किरदार है जो कि अपने 102 साल के पिता के साथ रहता है। उसके पिता यानी अमिताभ का किरदार अपने बुढ़ापे को स्वीकारता नहीं, वहीं बाबुलाल अपनी बढ़ती उम्र को अपनी किस्मत मानकर जीना छोड़ देता हैऋषि ने एडवोकेट मुराद अली मोहम्मद का किरदार निभाया है। हिंदू हो या मुस्लिम हर कोई उन्हें सम्मान देता है, लेकिन भतीजे के आंतकवादी साबित होने के बाद मुराद मोहम्मद के पड़ोसी और दोस्त ही उनके खिलाफ हो जाते हैं। इसके बाद अपना खोया स्वाभिमान और मुल्क के प्रति अपने प्यार को साबित करने के लिए ऋषि कपूर किन-किन मानसिक और सामाजिक परिस्थिति से गुजरते हैं। यह उनके किरदार में साफ झलकता है
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