लंदन। पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर लंदन में भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाते हुए उच्चायोग की इमारत पर अंडे, टमाटर, पत्थर, स्मोक बम और बोतलें फेंकी हैं। हमले में इमारत की खिड़कियों के शीशे टूट गए। लंदन में ऐसा दूसरी बार हुआ है। इससे पहले 15 अगस्त को उच्चायोग में स्वतंत्रता दिवस मना रहे भारतीयों पर हमला किया गया था।
भारतीय उच्चायोग ने बिल्डिंग परिसर पर हुए हमले की तस्वीर ट्वीट करते हुए इसकी शिकायत की है। भारतीय अधिकारियों ने लंदन के मेयर सादिक खान से भी इस घटना की शिकायत कर प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने को कहा है। पाकिस्तानी मूल के लंदन के मेयर सादिक खान ने इस घटना की आलोचना की है। खान ने एक ट्वीट में लिखा- मैं पूरी तरह से इस अस्वीकार्य व्यवहार की निंदा करता हूंबताते चलें कि हजारों की संख्या में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग की ओर मार्च किया। वे कश्मीर की आजादी के लिए नारे लगा रहे थे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 21 वीं सदी का हिटलर और आतंकवादी करार दे रहे थे। ब्रिटिश पाकिस्तानियों ने इस विरोध प्रदर्शन को 'कश्मीर फ्रीडम मार्च' का नाम दिया था, जो पार्लियामेंट स्क्वेयर से शुरू होकर भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग तक पहुंचा
इस रैली का नेतृत्व यूके की लेबर पार्टी के कुछ सांसदों ने किया। प्रदर्शनकारियों के हाथ में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) का झंडा और तख्तियां थीं, जिस पर लिखा था- कश्मीर में गोलाबारी बंद करो। प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे हम आजादी चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से ब्रिटिश पाकिस्तानी और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) मूल के ब्रिटिश नागरिक शामिल थे।
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों की संख्या करीब 10 हजार थी। लंदन में इन प्रदर्शनकारियों के हुड़दंग से अफरा-तफरी मच गई। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई के बाद भी जवाबी प्रदर्शन नहीं किया
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