कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश सरकार और प्रदेश कांग्रेस में जारी जबर्दस्त घमासान पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़बोले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के इरादे साफ कर दिए हैं। सूबे के नेताओं-मंत्रियों के बीच चल रही खुली जंग पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को साफ कर दिया कि दोनों पक्षों की ओर से की जा रही अनुशासनहीनता उन्हें कतई मंजूर नहीं है।
सोनिया ने प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा विवाद को वरिष्ठ नेता एके एंटोनी की अगुआई वाली केंद्रीय अनुशासन समिति को जांच के लिए भी सौंप दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भी दो टूक संदेश दे दिया कि सरकार के संचालन में बाहरी दखल की शिकायतें ठीक नहीं है। नेतृत्व से चर्चा करने दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार शाम सोनिया गांधी से मुलाकात की। कमलनाथ ने विवाद को केंद्रीय अनुशासन समिति को सौंपे जाने की पुष्टि की।
सरकार और संगठन का मसला किसी का निजी मामला नहीं
सूत्रों ने कमलनाथ की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बताया कि हाईकमान सूबे के मंत्रियों और नेताओं की बयानबाजी से खफा है। सरकार के संचालन में बाहरी नियंत्रण की शिकायतों पर भी गंभीर है। कमलनाथ-दिग्विजय के विरोधी खेमे की ओर से मिली शिकायतों के तथ्यों से हाईकमान को शासन पर बाहरी प्रभाव की बात पूरी तरह बेमानी नहीं लग रही। हाईकमान ने दिग्विजय सिंह के हस्तक्षेप की शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री को एक तरह से सचेत कर दिया
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