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मध्यप्रदेश की अगले पांच साल में विकास की दिशा क्या रहेगी, इसका खाका कमलनाथ सरकार ने खींचना शुरू कर दिया है। इसे विजन 2025 नाम दिया गया


मध्यप्रदेश की अगले पांच साल में विकास की दिशा क्या रहेगी, इसका खाका कमलनाथ सरकार ने खींचना शुरू कर दिया है। इसे विजन 2025 नाम दिया गया है। इसके तहत सभी विभागों को एक पखवाड़े में अगले पांच साल में किए जाने वाले कामों का खाका खींचने के लिए कहा गया। इसमें फोकस रोजगार और अधोसंरचना विकास पर रखा जा सकता है। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने विभागों के आला अफसरों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा बता दी है। विजन 2025 के लिए समन्वय का जिम्मा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल को सौंपा गया है। वहीं, दस्तावेज को तैयार करने का काम सेवानिवृत्त अफसर प्रसन्न् कुमार दास को दिया गया है।


मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा है कि प्रदेश का विकास योजनाबद्ध तरीके से हो। हर विभाग अपनी एक कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य तय करें और उसे हासिल करने की रणनीति पर काम करंे। प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराना है। इसके लिए उद्योगों के अनुकूल माहौल बनाना होगा, तभी वे निवेश करेंगे। यह काम भरोसे के बलबूते ही संभव है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ उद्योगपतियों के साथ हर बैठक में यही भरोसे दिलाते हैं कि आप मध्यप्रदेश में निवेश करें, प्रदेश सरकार आपकी अपेक्षाओं की पूर्ति करेगी। हमारी शर्त सिर्फ इतनी है कि राज्य के नौजवान और स्थानीय व्यक्तियों को अधिक से अधिक रोजगार दिया जाए। इसी तरह रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश से रोजगार का माहौल बनेगा। इसके लिए भी नई नीति का खाका खींचा जा रहा है।


 


मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने सभी विभागों के प्रमुख अफसरों के साथ बैठक कर विजन 2025 की दिशा और मंशा बता दी है। विभागों को पत्र भी भेज दिए गए हैं। इसमें संभावित क्षेत्र भी बताए गए हैं, जहां अगले पांच साल काम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए समन्वय की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सभी विभागों के साथ मंथन के बाद जो विजन निकलकर आएगा, उसका दस्तावेज सेवानिवृत्त आईएएस अफसर प्रसन्न् कुमार दास की देखरेख में तैयार होगा।


विशेषज्ञ करेंगे सहायता


 


 विभागों को विजन 2025 तैयार करने में राज्य योजना आयोग के विशेषज्ञ सहायता करेंगे। इसमें खासतौर पर यह देखा जाएगा कि विभाग जो लक्ष्य प्रस्तावित कर रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए जरूरी राशि कहां से आएगी। जो लक्ष्य तय होंगे, उससे कितने लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे और अर्थव्यवस्था पर उसका क्या असर पड़ेगा। रोजगार की संभावना कहां-कहां कितनी बनेगी। केंद्र सरकार की ऐसी कौन-सी योजनाएं हैं, जो अगले पांच साल चलेंगी और राज्य के कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया जा सकता है


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