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मप्र की औद्योगिक राजधानी इंदौर व मालवांचल के औद्योगिक विकास को अब और चार चांद लगेंगे


 मप्र की औद्योगिक राजधानी इंदौर व मालवांचल के औद्योगिक विकास को अब और चार चांद लगेंगे। भारत सरकार जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह (न्हावा शेवा, मुंबई) को सीधे इंदौर (महू) से जोड़ने के लिए मनमाड़ रेललाइन का काम शुरू करने जा रही है, जिसका काम चार साल में पूरा होगा। इसका सीधा फायदा मप्र के औद्योगिक क्षेत्र को होगा, जहां अब पोर्ट की दूरी में डेढ़ सौ किलोमीटर की कमी आएगी।


वहीं जेएनपीटी पोर्ट, मुंद्रा पोर्ट (गुजरात) और जयगढ़ पोर्ट (महाराष्ट्र) से भी इंदौर का सीधा संपर्क बन जाएगा। मप्र इस परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपए देगा। परियोजना पर आठ हजार 931 करोड़ रुपए का खर्च आना है। इस लाइन के पूर्ण होने के बाद मध्यप्रदेश के पीथमपुर, खंडवा और बुरहानपुर के औद्योगिक क्षेत्र को काफी राहत मिलेगी।


 


सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार के पोत परिवहन द्वारा जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह ट्रस्ट (जेएनपीटी) को मालवांचल के औद्योगिक इलाकों से जोड़ने के लिए 362 किलोमीटर लंबी मनमाड़ रेलवे लाइन का काम करवाया जा रहा है। इस परियोजना की लागत 8931 करोड़ रुपए आना है। जिसमें 15 फीसदी राशि मप्र को अंशदान के रूप में चार समान किस्तों में देना है।


परियोजना का एमओयू अप्रैल 2019 में पोत परिवहन मंत्रालय, मप्र सरकार, रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र के बीच किया गया था। इसके मुताबिक चार वर्ष में परियोजना का काम पूर्ण करना होगा। परियोजना निर्माण का काम इंडियन पोर्ट रेलवे और रोप वे द्वारा किया जाएगा। मध्यप्रदेश सरकार अपने हिस्से की पहली किस्त जल्द ही पोत मंत्रालय को भेजने वाली है।


 


क्या होगा फायदा


 


 


अभी पीथमपुर से 12-13 ट्रेनें निकल रही हैं, मनमाड़ लाइन बनने के बाद रेल ट्रैफिक बढ़ जाएगा और इससे उद्योगों का समय भी बचेगा और लागत कम होगी। मौजूदा दौर में 12 हजार कंटेनर का ट्रैफिक है, इस लाइन से सभी कंटेनर रेलवे से ही जाएंगे। जानकारों की मानें तो अभी पोर्ट तक कंटेनर पहुंचने में कम से कम आठ दिन लगते हैं। मनमाड़ इंदौर रेलवे लाइन बनने से समय की भी बचत होगी


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