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अंतागढ़ उपचुनाव में खरीद-फरोख्त का खुलासा कर मंतूराम पवार ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है। मंतूराम पवार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। उन्होंने इसके लिए डीजीपी डीएम अवस्थी को शनिवार को पत्र लिखा था।


डीजीपी ने उनकी मांग को स्वीकारते हुए रायपुर पुलिस को निर्देश दिए थे। लिहाजा पुलिस ने मंतूराम को रात से ही एक हवलदार समेत 7 सशस्त्र जवानों की सुरक्षा प्रदान कर दी। हिमालयन हाइट्स स्थित उनके घर पर भी जवानों को तैनात किया गया है।


 


गौरतलब है कि भाजपा नेता मंतूराम पवार के कोर्ट में बयान के बाद कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी से मांग की कि वे नैतिकता के आधार पर राजनीति छोड़ दें।


कांग्रेस नेताओं ने दूसरी मांग यह की है कि अंतागढ़ मामले में दोषी अधिकारियों और बिचौलियों की भूमिका की जांच की जाए। सत्तारुढ़ दल के नेताओं ने अब यह भी कहा है कि मंतूराम के बयान से स्पष्ट हो गया है, झीरम कांड में भी रमन सरकार की भूमिका थी।


 


रविवार को कांग्रेस के प्रभारी प्रदेश महामंत्री गिरिश देवांगन और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पत्रकार वार्ता ली। देवांगन ने कहा कि छह वर्ष पहले जब अंतागढ़ उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लिया था, तभी तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा था कि लेनदेन, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र की हत्या हुई


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