पंद्रह साल तक सत्ता सुख भोगने के बाद पहली बार भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के तेवर में दिखाई दी। विधानसभा चुनाव 2018 में पराजित होने के नौ महीने बाद भाजपा कार्यकर्ता जनता के मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरे और गिरफ्तारियां भी दीं। 15 साल सत्ता से बाहर रहने के दौरान कांग्रेस एक भी बड़ा आंदोलन खड़ा करने में सफल नहीं रही, लेकिन भाजपा ने घंटानाद आंदोलन कर साफ कर दिया कि वह अब पराजय के सदमे से उबर चुकी है।
घंटानाद आंदोलन के जरिए कमलनाथ सरकार के खिलाफ भाजपा ने जो हल्ला बोला है, उसने भाजपा के वर्ष 2002 में हुए विधानसभा के घेराव की याद ताजा कर दी। इसमें पार्टी ने बिजली-पानी और सड़क के मुद्दे पर तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। उसी तर्ज पर बुधवार को भाजपा के नेता सड़कों पर उतरे, अपना विरोध जताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पहली बार भाजपा की तरफ से सूबे में राज्य सरकार के खिलाफ यह पहला राज्यव्यापी आंदोलन था।
आंदोलन के तीन मायने
ये आंदोलन कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण माना जाएगा। पहली वजह है कि इससे पार्टी के सारे कार्यकर्ता एक तरह से रिचार्ज हुए हैं जो कि सत्ता छिन जाने से हताशा में थे। दूसरा संदेश पार्टी ने जनता को दिया कि जनहित उसके लिए सर्वोपरि है, अन्यथा अब तक भाजपा द्वारा बार-बार कमलनाथ सरकार को गिराने के बयान देने से जनता में यह संदेश जा रहा था कि भाजपा नेता बिना सत्ता के बेचैन हैं। तीसरा संदेश पार्टी के नेताओं के लिए है कि वे खुद को विपक्षी दल के रूप में ढालकर जनहित की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो जाएं।
बड़े नेताओं ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
घंटानाद आंदोलन में पार्टी के सारे बड़े नेताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने जहां भोपाल की कमान संभाली, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा की सड़कों पर नजर आए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जबलपुर में गिरफ्तारी दी तो इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने मोर्चा संभाला।
सागर में राज्यसभा सदस्य प्रभात झा शामिल हुए। सारे नेताओं ने जेपी आंदोलन की तर्ज पर घंटे, घड़ियाल, मंजीरे, शंख और थालियां बजाकर प्रदेश के सभी कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। आंदोलन का मकसद बताते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हमने तय किया था कि कुंभकरण की नींद में सोने वाली इस कांग्रेस सरकार को नींद से जगाएंगे, इसीलिए ये घंटानाद आंदोलन कर पूरे प्रदेश में कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। अगर अभी भी ये नींद से नहीं जागे तो भाजपा लगातार जनता के हितों के लिए सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी
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