राजधानी भोपाल के नगर निगम ने शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में कवायद शुरू कर दी है। शहर से एकत्र किए जा रहे पुराने कपड़ों से थैले बनवाए जा रहे हैं, जिन्हें कपड़े देने वालों और अन्य लोगों में निशुल्क बांटा जा रहा है। अब तक नौ हजार 275 थैले बनाकर बांटे जा चुके हैं। थैले बनाने का जिम्मा स्वसहायता समूहों को सौंपा गया है।
निगम अधिकारियों के अनुसार बीते एक महीने से थैले बनाने का काम लगातार जारी है। थैलों को व्यापारियों और लोगों में बांटा जा रहा है। साथ ही लोगों को पॉलिथीन का उपयोग न करने की समझाइश भी दी जा रही है। स्वयंसेवी संगठनों और विद्यार्थियों के सहयोग से दुकानों, सड़क व चौराहों पर अभियान के माध्यम से लोगों को पॉलिथीन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। निगम के अपर आयुक्त राजेश राठौर ने बताया कि शहर के प्रमुख बाजारों में करीब आधा दर्जन जगह थैले बनाने वाले बैठाए गए हैं। लोग यहां पुराने कपड़े लाकर थैले निशुल्क सिलवा सकते हैं।
जोन कार्यालयों में कपड़ा कलेक्शन बैंक शुरू
निगम प्रशासन द्वारा पुराने कपड़ों को एकत्र करने के लिए सभी जोन कार्यालयों में बॉक्स रखवाए गए हैं। लोग यहां अपने पुराने कपड़े दान कर सकते हैं। इन कपड़ों से निगम थैले बनवाकर बांटेगा। जो लोग कपड़ा दान करते हैं वे जोन से रसीद भी प्राप्त कर सकते हैं। फिर मुफ्त में थैले ले सकते हैं। कपड़ा बैंक बनाने का मकसद यह है कि जितने लोग कपड़े दान कर रहे हैं उतने लोग पॉलिथीन अभियान से जुड़ रहे हैं।
तालाबों में रखवाई जाएगी 35 फीट लंबी बॉटल
राजधानी के बड़े तालाब में प्लास्टिक वेस्ट को रोकने के लिए बोट क्लब को पॉलिथीन मुक्त किया जाएगा। निगम द्वारा बोट क्लब के पास इंदौर से तैयार कराई गई 35 फीट लंबी बॉटल पानी में रखवाई जाएगी। गुरुवार को इसका ट्रायल भी किया गया। इसमें स्वच्छता का संदेश लिखा जाएगा। इसके साथ ही यही प्रयोग छोटे तालाब और शाहपुरा तालाब में भी होगा। निगम के उपायुक्त विनोद शुक्ला ने कहा कि इससे प्लास्टिक वेस्ट के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी
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