मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर का भारतीय क्रिकेट में योगदान किसी से छिपा नहीं है। सचिन के नाम कई ऐसे रिकॉर्ड हैं जो पहले नहीं बने। साथ ही कई मामलों में कोई भी खिलाड़ी सचिन के आसपास भी नहीं है। सचिन ने ज्यादातर रन और रिकॉर्ड पारी की शुरुआत करते हुए ही बनाए। लेकिन सचिन ने खुद खुलासा किया पारी की ओपनिंग करने के लिए उन्हें भी काफी विनती और गुजारिश करना पड़ी थी। यही उनके क्रिकेट करियर का टर्निंग पॉइंट रहा।
अपनी उपलब्धियों के चलते सचिन को 'गॉड ऑफ क्रिकेट ' कहा जाता है। उनकी तुलना क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमैन से होती है। लेकिन सचिन ने लिंकडेन पर एक वीडियो साझा करते हुए हैरान करने वाला खुलासा किया कि उन्हें पारी की शुरुआत करने के लिए एक समय टीम प्रबंधन के सामने गिड़गिड़ाना पड़ा था। सचिन ने बताया कि 1994 में उन्हें भारतीय टीम प्रबंधन से पारी की शुरुआत करने के लिए विनती करना पड़ी थी। क्योंंकि टीम की प्लानिंग में वे बतौर ओपनर फिट नहीं बैठ रहे थे। उस समय वे बल्लेबाजी के लिए मध्यक्रम में उतरते थे। सचिन ने कहा- मुझे विनती करना पड़ी, गिड़गिड़ाना पड़ा कि मुझे ओपनिंग का एक मौका दिया जाए। मैंने कहा कि अगर मैं फेल हुआ तो आपके पास दोबारा नहीं आउंगा। सचिन के मुताबिक यदि वे मध्यक्रम में ही रहते तो आज उनके करियर का दूसरा स्वरुप होता।
सचिन ने बताया कि उन्होंने ओपनर की शैली हासिल करने के लिए नेट्स पर घंटों अतिरिक्त प्रयास किया। इसी दौरान उन्होंने अलग नजरिए और शैली को अपनाया जिससे विरोधी गेंदबाजों पर हावी हुआ जा सकता था। सचिन ने वीडियो शेयर करके बताया कि 1994 के दौरान जब उन्होंने बतौर ओपनर बल्लेबाजी शुरू की तब अन्य टीमों की रणनीति विकेट सुरक्षित रखने की होती थी। इसलिए उन्होंने गेंदबाजों पर हावी होकर खेलने की अलग अप्रोच अपनाई। बाद में वे इसमें बहुत सफल हुए। सचिन ने अपने इस कदम को उदाहरण के रुप में बताया कि विफलता के डर से जोखिम लेने से डरना नहीं चाहिए।
बता दें कि सचिन ने उस समय न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में पहली बार टीम इंडिया के लिए ओपनिंग की थी। इसमें सचिन ने 49 गेंदों में 82 रनों की तूफानी पारी खेली। इस पारी के बाद सचिन का ओपनिंग स्लॉट तय हो गया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ पारी के बाद सचिन को पारी की ओपनिंग के लिए दोबारा नहीं पूछना पड़ा था। इसके बाद टीम ने सचिन से ही पारी की शुरुआत कराई।
गौरतलब है कि सचिन ने बतौर ओपनर अपनी पहली 5 पारियों में 82, 63, 40, 63 और 73 रन बनाए थे। इसके बाद उन्होंने जल्द ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में अपना पहला शतक लगाया था। सचिन ने 110 रनों की पारी खेली थी। यहां से सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज सचिन के नाम वनडे क्रिकेट में रिकॉर्ड 49 शतक और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रिकॉर्ड 100 शतक दर्ज हैं। इतना ही नहीं सचिन के नाम वनडे में 18426 रन हैं जो वनडे इतिहास में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं। सचिन ने दिसंबर 2012 में वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने अपना अंतिम मैच एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेला, जिसमें उन्होंने अर्द्धशतक जमाया था। इस मैच में भारत ने जीत हासिल की थी।
0 टिप्पणियाँ