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शिक्षक मुक्त निर्वाचन की दिशा में जिला प्रशासन ने पहला कदम बढ़ा दिया है


शिक्षक मुक्त निर्वाचन की दिशा में जिला प्रशासन ने पहला कदम बढ़ा दिया है। निर्वाचन सुपरवाइजर के पद पर काम कर रहे जिले के 86 शिक्षकों को दो दिन में इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। इसमें जिले की सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों के शिक्षक शामिल हैं। इसी महीने चरणबद्ध रूप से ऐसे बीएलओ को भी कार्यमुक्त किया जाएगा, जो शिक्षक हैं। इनके स्थान पर अन्य विभागों के कर्मचारियों को सुपरवाइजर और बीएलओ बनाया जाएगा।


बहरहाल, इस छंटनी के बाद जिले के सारे शिक्षक निर्वाचन सुपरवाइजर की जिम्मेदारी से मुक्त हो गए हैं। अब बड़ी चुनौती शिक्षक बीएलओ को हटाना है। शिक्षक मुक्त निर्वाचन की पहल कर रहे जिला निर्वाचन के प्रभारी और अपर कलेक्टर कैलाश वानखेड़े ने बताया कि शिक्षकों को बीएलओ की जिम्मेदारी से इसी महीने से मुक्त करेंगे, लेकिन सारे बीएलओ एक साथ नहीं हटाएंगे। जैसे-जैसे विकल्प मिलते जाएंगे, शिक्षकों को मुक्त करते जाएंगे।


 


इस मुद्दे पर एसडीएम और तहसीलदार की लगातार बैठकें ली जा रही हैं। एसडीएम और तहसीलदार को हिदायत दी जा रही है कि हटाए गए शिक्षक बीएलओ के स्थान पर अन्य विभागों के कर्मचारियों को नियुक्त करते समय यह ध्यान रखा जाए कि उनकी बीएलओ की ड्यूटी उनके कार्यक्षेत्र में ही हो। खासतौर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बीएलओ बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को उन्हीं के क्षेत्र में बीएलओ बनाने से उनको असुविधा भी नहीं होगी और निर्वाचन का काम भी बेहतर तरीके से हो पाएगा


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