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तेज बारिश के बाद शिवना नदी उफान पर है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे नदी भगवान के चरण पखार रही है

झमाझम बारिश का असर मंदसौर में भी देखा गया। यहां बहने वाली शिवना नदी में उफान आ गया। हालात ये रहे कि इस मौसम में पांचवी आए उफान से ऐसा प्रतीत होता है जैसे नदी जल ने भगवान पशुपतिनाथ के चरण पखारे हैं। नदी में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। एहतियातन नदी के घाटों की ओर लोगोंं को जाने नहीं दिया जा रहा है। संभावना है कि क्षेत्र में अभी और बारिश होगीजिले में बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही है। लगातार हो रही बारिश ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। पानी से भरे खेतों में फसलें पूरी तरह से चौपट होने की कगार पर है। फसलों की हालत देख कि सानों की परेशानी भी बढ़ रही है। नदी-नाले लगातार उफान पर चलने से जिलेभर में 10 से अधिक मार्गो से आवागमन बंद हो गया है


गांवों को आपस में जोड़ने वाले रास्तो पर भी पानी भरा हुआ है। जिले में अब तक 62 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है, इतनी बारिश पिछले 50 सालों में भी नहीं हुई। गुरुवार को भी जिले के अधिकांश क्षेत्रों में तेज बारिश हुई। शिवना नदी भी दिनभर उफान पर रही। वहीं गांधीसागर के गेट भी खोले गए।


 


बुधवार-गुरुवार की रात से ही जिले के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई। गुरुवार को भी सुबह से ही बारिश का दौर जारी रहा। मंदसौर में सुबह एक घंटे तेज बारिश हुई। रात 7.30 बजे से फिर से तेज बारिश शुरू हो गई। लगातार हो रही पानी की आवक से शिवना नदी अफान पर आ गई। दोपहर में शिवना नदी पशुपतिनाथ मंदिर गर्भग्रह से कु छ दूरी पर ही बहती रही। बारिश से बढ़ रही परेशानियों को देख लोग अब बारिश बंद होने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे है।


गुरुवार को गांधीसागर बांध के चौथी बार गेट खोले गए। गांधीसागर का एक छोटा गेट लगातार हुआ था, गुरुवार को चार छोटे व तीन बड़े गेट सुबह 8.30 पर खोल दिए गए। गांधीसागर बांध पर 1311.40 का लेवल था व पानी की आवक से हो रही थी। जल संसाधन विभाग के एसडीओ नृपेंध देव ने बताया कि गुरुवार शाम को कु ल 10 गेट खोले गए। जिसमें सात छोटे व तीन बड़े गेट से 2 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।


 


गरोठ में 45 मिनट मूसलधार बारिश


गुरुवार को सुबह मौसम खुला रहा। दोपहर बाद मौसम में परिवर्तन हुआ और आकाश में काली घटाएं छा गई। शाम करीब पांच बजे क्षेत्र में मूसलधार बारिश का दौर प्रारंभ हुआ। तेज बारिश का दौर पौन घंटे तक जारी रहा। इस दौरान नगर की सड़कों पर पानी बह निकला।


 


इसके अलावा बिजली की तेज गर्जन से खड़ावदा रोड पर स्थित बिजली कंपनी का ट्रांसफॉर्मर जल गया, बाद में बिजली कंपनी द्वारा उसे सुधारा गया। गुरुवार दोपहर में नगर परिषद द्वारा सुथार मोहल्ले में एक जर्जर मकान को गिराया गया है।


24 घंटे में नगर में दो इंच वर्षा


 


शामगढ़ नगर में गुरुवार अलसुबह करीब आधे धंटे तक तेज बारिश हुई। बाद में झमाझम बारिश का दौर सुबह आठ बजे तक चलता रहा। 24 घंटे में नगर में दो इंच वर्षा दर्ज की गई। नगर में अब तक 65 इंच वर्षा दर्ज की गई। गुरुवार को दिनभर बादल छाए रहे। शाम चार बजे रिमझिम बारिश शुरू हुई। शाम साढ़े पांच बजे तेज बारिश हुई। लगातार बारिश के बाद क्षेत्र में नदी नाले उफान में आने से यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। शामगढ़-सगोरिया मार्ग की पुलिया पर पानी होने से आवागमन बंद हो गया। जूनापानी तालाब में क्षमता से ज्यादा पानी आने से पानी सड़कों पर आ गया। जिससे कि सानों के खेतों में पानी आ भर रहा है।


पान की खेती बुरी तरह प्रभावित


 


भानपुरा में 2006 में 56 इंच बारिश हुई थी, इससे पहले 1995 में 52 इंच बारिश हुई थी। सभी रिकॉर्ड इस साल टूट गए है अब तक 60 इंच बारिश दर्ज हो गई है। लगातार बारिश से फसलें गल गई है। क्षेत्र में जलस्रोत ओवरफ्लो होकर खेतों में जा रहा है। पिछले डेढ़ माह में 50 इंच बारिश हुई है। अतिवृष्टि से पान की खेती बुरी तरह प्रभावित हो गई है।


इसके अलावा मुंग, उड़द, मुंगफली, चवला, मक्का व सोयाबीन की फसले भी खत्म होने की कगार पर है। गांधीसागर जलाशय के लबालब होने से हजारों एकड़ भूमि पर बोई गई फसलें डूब गई है यहां खेतों में घुटनों-घुटनों तक पानी भरा है


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