त्योहारों का सीजन शुरू होने से ठीक पहले देश के तमाम बड़े शहरों में हाउसिंग सेक्टर में सुस्ती गहरा गई। निवेशकों का सतर्क रुख और श्राद्ध पक्ष को इसकी वजह बताई जा रही है। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) समेत सात प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान मकानों की बिक्री घटकर 55,080 यूनिट रह गई। यह 2019 की दूसरी तिमाही में हुई बिक्री के मुकाबले 20 प्रतिशत और पिछले साल की तीसरी तिमाही की तुलना में 18 फीसदी कम है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, पुणे और हैदराबाद में पिछले साल इसी अवधि में 67,140 मकानों की बिक्री हुई थी। रियल एस्टेट से संबंधित सेवाएं मुहैया कराने वाली फर्म एनारॉक की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई।
रिपोर्ट में कहा गया है
रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीदार मकानों में निवेश को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। हालांकि, शीर्ष सात शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या (इंवेंट्री) 6.56 लाख यूनिट रही, जो जून तिमाही की 6.66 लाख यूनिट से थोड़ा कम है।
बिक्री घटने के कारण
- मोटे तौर पर कमजोर सेंटीमेंट
- सबवेंशन स्कीम पर रोक
- 16 दिन का श्राद्घ पक्ष
- एनबीएफसी में निकदी की किल्लत
त्योहारों में बढ़ेगी बिक्री
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, 'इस तिमाही में नए मकानों की आपूर्ति और मकानों की बिक्री में गिरावट की उम्मीद थी, क्योंकि घर खरीदार और डेवलपर दोनों सतर्क हैं और जोखिम से बच रहे हैं।' हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किए गए उपायों से त्योहारी सीजन और उसके बादी की तिमाहियों में मकानों की मांग बढ़ेगी। पुरी ने कहा कि हाल में की गई कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से घरेलू एवं विदेशी निवेशकों से निवेश आएगा।
जुलाई-सितंबर तिमाही में मकानों की बिक्री
शहर मकानों की बिक्री गिरावट (प्रतिशत में)
बेंगलुरू 10,500 35
हैदराबाद 3,280 32
कोलकाता 3,120 27
दिल्ली-एनसीआर 9,830 13
चेन्नई 2,620 11
पुणे 8,550 8
मुंबई महानगर क्षेत्र 17,180 6
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