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विधायक लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक कर रहे थे लेकिन उनका ड्राइवर ही इन नियमों को तोड़ रहा था


 रविवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में नए नियमों के प्रति जागरूक कर रहे एक विधायक को ही 500 रुपए का जुर्माना भरना पड़ा। भुवनेश्वर मध्य के विधायक अनंत नारायण जेना राजधानी के एजी चौक पर ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए आम लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने के दौरान पंपलेट व चॉकलेट वितरित कर रहे थे। उस समय उनके वाहन चालक ने उनकी गाड़ी गलत जगह पर खड़ी कर रखी थी। गलत जगह पर गाड़ी पार्क देख पुलिस ने अभियान के दौरान ही उनका 500 रुपए का चालान काट दिया। उन्होंने मौके पर ही जुर्माने की रकम अदा कर दी।


इस संबंध में विधायक जेना ने कहा है कि हमारे वाहन चालक ने गलत जगह पर गाड़ी खड़ी कर दी थी। इसके लिए पुलिस ने जुर्माना लगाया है। नियम हर किसी के लिए समान है, जिसके चलते हमने जुर्माना दिया है। मौके पर उपस्थित डीसीपी भुवनेश्वर अनूप साहू ने कहा कि कानून सब लोगों पर समान रूप से लागू होता है। इसका उल्लंघन करने वालों को राहत नहीं मिलेगी।


 


गडकरी बोले- सड़क हादसे रोकने के लिए कठोर किए गए यातायात नियम


केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर लगाए गए भारी-भरकम जुर्माने का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है। गडकरी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नियमों का पालन करता है तो उसे जुर्माने का भय नहीं होना चाहिए।


 


एक सितंबर से मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू होने के बाद से पुलिस द्वारा किया जा रहा भारी जुर्माना सुर्खियों में है।


एक साक्षात्कार में केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यदि कोई व्यक्ति यातायात नियमों का पालन कर रहा है तो उसे जुर्माने का डर क्यों? लोगों को खुश होना चाहिए कि भारत में विदेश की तरह सड़कें सुरक्षित हो जाएंगी, जहां लोग अनुशासन के साथ यातायात नियमों का पालन करते हैं। क्या इंसानों के जान की कीमत नहीं है?" उन्होंने कहा कि कठोर नियम आवश्यक थे क्योंकि लोग यातायात नियमों को हल्के में लेते थे और लोगों में इन नियमों का कोई भय या सम्मान नहीं था।


 


उनसे पूछो... जिन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में किसी अपने को खोया


गडकरी ने कहा, "मैं इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील हूं। उन लोगों से पूछिए जिन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में किसी करीबी को खोया है। सड़क दुर्घटनाओं के 65 फीसदी शिकार 18 से 35 वर्ष के होते हैं, उनके परिजनों से पूछिए कि उन्हें कैसा लगता है। मैं खुद सड़क दुर्घटना का पीड़ित हूं। यह सोच-समझकर उठाया गया कदम है और चाहे कांग्रेस हो या तृणमूल और टीआरएस, सभी दलों की सहमति ली गई है।"


 


चाहे मंत्री हो या मुख्यमंत्री, नियम तोड़ा का कार्रवाई होगी


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कानून नियमों का उल्लंघन करने वालों पर समान रूप से कार्रवाई करता है। उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है उल्लंघन करने वाला कोई केंद्रीय मंत्री है या मुख्यमंत्री, कोई बड़ा अधिकारी है या पत्रकार। नियमों का जो कोई भी उल्लंघन करेगा, उसे जुर्माना देना ही होगा


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