इंदौर। ड्राय फ्रूट्स पर प्रस्तावित मंडी टैक्स का विरोध कर रहे व्यापारियों ने सोमवार को शहर आए कृषि मंत्री सचिन यादव से रेसीडेंसी कोठी में मुलाकात की। इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि नए टैक्स से सरकार के राजस्व में कोई खास बढ़ोतरी तो नहीं होगी, लेकिन व्यापारियों की परेशानी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार भी। मंत्री ने कारोबारियों को आश्वासन दिया कि वे परीक्षण करवाकर मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे और सरकार उचित निर्णय लेगी। सरकार की ओर से प्रस्तावित मंडी टैक्स पर अंतिम निर्धारण नहीं होने तक व्यापारियों ने भी ड्राय फ्रूट्स की खरीदी बंद करने की घोषणा कर दी।
सियागंज होलसेल किराना मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल के साथ व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल तो था ही, शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल भी उनके समर्थन में मंत्री के पास पहुंचे थे। मंत्री के पूछने पर व्यापारियों ने बताया कि करीब सौ करोड़ का सालाना टर्नओवर है। डेढ़ प्रतिशत मंडी टैक्स लगने से राजस्व तो कोई खास मिलेगा नहीं, लेकिन व्यापारियों को सालाना 25 रिटर्न जमा करने की परेशानी आएगी। बाजार में इंस्पेक्टर राज कायम हो जाएगा।
दूसरे प्रदेशों में शिफ्ट हो जाएगा व्यापार
खंडेलवाल ने कहा कि ड्राय फ्रूट्स का 90 फीसदी हिस्सा विदेश से आयात हो रहा है। यह न प्रदेश की उपज है, न ही देश की। ऐसे में इस पर मंडी टैक्स लगाने का निर्णय ही विसंगतिपूर्ण है। मप्र पहला राज्य होगा जो यह टैक्स लगाने जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव ये होगा कि प्रदेश का व्यापार आसपास के प्रदेशों की मंडी में शिफ्ट हो जाएगा। मंत्री से मुलाकात के बाद व्यापारियों ने साफ किया कि सरकार के फैसले तक ड्राय फ्रूट्स की खरीदी न की जाए। आगे प्रदेश के व्यापारियों की एक और बैठक बुलाई जाएगी। सरकार का निर्णय व्यापार हित में नहीं रहा तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार होगी
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