नगर के मध्य पश्चिम छोर पर छायन रोड स्थित श्री कालिका माता मंदिर लगभग 150 से 200 साल पुराना बताया जाता है। लोगों का इस मंदिर के बारे में कहना है कि प्राचीन समय में एक छोटे से स्थान पर कच्ची झोपड़ी में माताजी विराजमान थी।
इस माताजी मंदिर की यह विशेषता है कि यहां की प्रतिमा चमत्कारी के साथ ही मंगलकारी व मनोकामना पूर्ण वाली बताई जाती है।
लोगों का कहना है कि यहां पर जो भी श्रद्धालु आता है और मन्नतें मांगता है वह पूरी होती है। मंदिर में विराजमान प्रतिमा लगभग डेढ़ क्विटल सिंदूर से बनाई हुई है।
इस तरह की मूर्ति संभवत देश में एक मात्र यही है। इसे राजस्थान के कलाकारों के द्वारा लगभग डेढ़ माह में बनाया गया था। समय के बदलाव के साथ नगरवासियों के सहयोग से मंदिर को पक्का करके मंदिर पर ऊपर शिखर कलश की स्थापना व माताजी की सवारी शेर की भी स्थापना की गई।
यहां पर नवरात्र पर्व के अलावा सामान्य दिनों मे भी भीड़-भाड़ अधिक रहती है। मंदिर के पीछे भाग में काल भैरव भी विराजमान है
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