भारतीय रिजर्व बैंक के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इसमें सामने आया है कि देश के करीब 50 फीसद से अधिक लोग मानते हैं कि नौकरी और वेतन को लेकर हालात खराब हैं। आरबीआई ने कहा है कि देश में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस छह साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। लोगों की धारणा, रोजगार के अवसर, आय और खर्च में कमी आई है। सर्वे में नौकरियों को लेकर लोगों में बेहद नकारात्मक रुख का पता चला है। बताते चलें कि सितंबर 2012 में इस इंडेक्स को पहली बार तैयार किया गया था, उसके बाद से पहली बार नौकरियों की स्थिति को लेकर ऐसा नकारात्मक माहौल दिख रहा है।
आरबीआई के मासिक सर्वे में शामिल 52.5 फीसद लोगों ने माना कि नौकरियों के लिए हालात पहले से खराब हो गए हैं। जबकि, 33.4 फीसद लोगों ने माना कि आने वाले साल में स्थिति और खराब होगी और 26.7 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आमदनी घट गई है। इससे पहले सिर्फ एक बार नवंबर 2017 में इससे अधिक संख्या में यानी लगभग 28 फीसद ने कहा था कि इनका आय में कमी हुई है
हालांकि, 53 फीसद लोगों ने उम्मीद जताई कि आने वाले साल में उनकी आमदनी बढ़ेगी। केवल 9.6 फीसद को ऐसा लगता है कि उनकी कमाई घटेगी। आरबीआई ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल सहित 13 बड़े शहरों में यह सर्वे किया, जिसमें 5,192 परिवारों को शामिल किया गया था।
इन परिवारों के सदस्यों से आम परिदृश्य, उम्मीद, आर्थिक परिस्थितियों, रोजगार के अवसर, निजी आय और खर्च को लेकर सवाल पूछा गया था। बताते चलें कि मांग और आपूर्ति में कमी की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार घटकर पांच फीसद पर आ गई है। इसे देखते हुए आरबीआई ने शुक्रवार को पांचवीं बार नीतिगत दरों में बदलाव करते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है
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