भोपाल। शहर के टीटी नगर क्षेत्र की हवा में पार्टिकुलेटर मैटर (पीएम) 10 का स्तर दिल्ली की तरह 423 तक पहुंच गया है, जो कि आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। इस क्षेत्र की हवा में दो दिन से धूल के कणों का अधिकतम स्तर 400 से अधिक है, जो कि 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक होना चाहिए। कोलार, भेल क्षेत्र व मंडीदीप की स्थिति भी चिंताजनक है। खराब सड़कों से उड़ रही धूल के कारण यह स्थिति बनी हुई है। इन दिनों दिल्ली के भी कई इलाकों में पीएम-10 का अधिकतम स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है।
बता दें कि पीएम-10 में धूल के कणों के अलावा उद्योगों से निकलने वाले हानिकारक कण भी शामिल होते हैं। इनका व्यास 10 माइक्रोमीटर तक होता है। ये कण ठोस या तरल रूप में वातावरण में होते हैं। इसमें धूल व धातु के सूक्ष्म कण भी होते हैं। ये नग्न आंखों से नहीं दिखते। ये गैस के रूप में भी सक्रिय होते हैं। सांस के जरिए ये कण फेफड़ों में चले जाते हैं, जिससे खांसी और अस्थमा के दौरे पड़ सकते हैं। इससे रक्तचाप, दिल का दौरा, स्ट्रोक और कई गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है
हवा में छोटे कण भी मिल रहे
भोपाल समेत आसपास के क्षेत्रों में धूल के 2.5 माइक्रोमीटर व्यास के कणों का स्तर भी सामान्य से अधिक है। टीटी नगर क्षेत्र की बात करें तो यहां पर रविवार शाम 5 बजे पीएम-2.5 आकार के कणों का अधिकतम स्तर 286 था, जो कि 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए
टीटी नगर क्षेत्र की हवा में धूल के कण व खतरनाक गैसों की स्थिति
दिनांक 10 11 12 13 ये है सामान्य स्तर
पीएम-10 160 313 411 423 100
पीएम-2.5 128 251 216 286 60
एनओ-2 138 147 143 145 80
एक्यूआई 109 146 138 180 100
एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) :-
401-500 हवा बहुत ही ज्यादा खराब है
301-400 हवा बहुत खराब है
201-300 हवा खराब है
101-200 हवा की शुद्धता सामान्य से कुछ ऊपर है
51-100 हवा की स्थिति संतोषजनक है
0-50 हवा बहुत अच्छी है
एजेंसियों को पत्र लिखेंगे
खराब सड़कों के कारण हवा में धूल के कणों का स्तर बढ़ रहा है। इसके लिए सड़क निर्माण करने वाली एजेंसियों को पत्र लिखकर स्थिति बताएंगे। सुधार की मांग की जाएगी।
-एए मिश्रा, क्षेत्रिय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से टीटी नगर में बढ़ी धूल
स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा टीटी नगर में स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। गैमन के पिछले हिस्से में सड़क और हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं। वहीं स्टेडियम के सामने कमर्शियल काम्प्लेक्स और स्मार्ट हॉट, प्लेटिनम प्लाजा से जवाहर चौक तक बुलेवर्ड स्ट्रीट का काम चल रहा है। दशहरा मैदान में ब्लास्टिंग कर खुदाई की जा रही है। इसका मलबा निकाल कर डंपरों के माध्यम से एक जगह से दूसरे जगह पर डंप किया जाता है। सड़कें उखड़ चुकी हैं, इस पर वाहन चलने से धूल उठ रही है।
यह हैं शहर की धूल भरी और खतरनाक सड़कें
- माता मंदिर चौराहे से टीनशेड न्यूमार्केट की सड़क
- मैदामिल रोड निर्माणाधीन मेट्रो प्रोजेक्ट के किनारे सड़क पर
- प्रभात चौराहा, अशोका गार्डन 80 फीट रोड
- प्रभात चौराहे से जिंसी चौराहा तक
- गोविंदपुरा थाना से अवधपुरी तक मेन रोड
- बागसेवनियां रोड
- कोलार रोड
- कैंपियन स्कूल के पास से शैतान सिंह चौराहे तक
- रायसेन रोड में प्रभात चौराहे से पिपलानी चौराहे तक
- हबीबगंज रेलवे स्टेशन से गणेश मंदिर आरओबी तक बीआरटीएस
- मीनाल से जेके रोड रायसेन रोड तिराहा तक
- आकृति ईकोसिटी से दानिशकुंज ब्रिज से कोलार मेन रोड तक
एक महीने में सड़कों का होगा मेंटेनेंस
नगर निगम अपनी सड़कों के गड्ढे भरने और मेंटेनेंस के लिए टेंडर किया है। अब तक जेके रोड, कटारा हिल्स और बरखेड़ा पठानी, शक्ति नगर आदि एरिया में काम चालू करने के लिए वर्कआर्डर जारी कर दिया है। शेष 7 ग्रुपों के तहत सड़कों के मेंटेनेंस के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। निगम आयुक्त विजय दत्ता का कहना है कि वर्कआर्डर जारी होने के बाद एक महीने में सड़कों का मेंटेनेंस कार्य पूरा किया जाएगा। निगम द्वारा करीब 21 करोड़ की लागत से सड़कों का मेंटेनेंस किया जाना है।
प्रदूषण से होने वाली बीमारियां
- जुकाम होना, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, टीबी और गले में संक्रमण, अस्थमा, फेफड़े सम्बंधित बीमारियां होती हैं।
ऐसे करें बचाव
- घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा मुंह पर मास्क का उपयोग करें। आंखों पर चश्मा लगाएं।
- एक मास्क का एक बार ही उपयोग करें।
- घर के बाहर सड़कों को गीला करके रखें ताकि धूल के दूषित कण हवा में न उड़ पाएं।
- घर से बाहर तभी टहलने के लिए निकलें जब पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर कम हो।
प्रदूषण के समय ऐसी रखें खानपान
- खाना खाने के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं। यह खून साफ करता है। इससे प्रदूषण से बच सकेंगे।
- फेफड़ों को धूल के कणों से बचाने के लिए रोजाना गर्म दूध जरूर पिएं।
- अदरक का रस और सरसों का तेल नाक में बूंद-बूंद कर डालने से भी हानिकारक धूल कणों से भी बच सकेंगे।
- प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
पीएम 10 बढ़ने से गले में संक्रमण, एलर्जी, आंख में एलर्जी, फेफड़े की बीमारियां जैसे अस्थमा और ब्रांकाइटिस आदि हो जाती हैं। इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि पीएम 10 का स्तर बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारियां भी बढ़ती हैं। इसके बचाव के लिए मुंह में कपड़ा या मास्क लगाकर रखना जरूरी है।
- डॉ. लोकेन्द्र दवे, विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी मेडिसिन हमीदिया अस्पताल
सड़कें जल्दी ठीक कराएंगे
भोपाल समेत प्रदेश भर की सड़कों को जल्दी ठीक कराएंगे। इसकी कार्रवाई शुरू कर दी है। जब सड़कें ठीक हो जाएंगी तो वातावरण से धूल का स्तर कम होगा।
- सज्जन सिंह वर्मा, पर्यावरण मंत्री मप्र
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