भोपाल बड़े तालाब के बैक वाटर व कलियासोत डैम में मगरमच्छ की आबादी बढ़ गई है। ये सड़कों पर निकल रहे हैं। इन्हें नहीं रोका गया तो वाहनों की चपेट में आकर इनकी मौत हो सकती है। बीते एक साल में छह बार मगरमच्छों को सड़कों के आसपास देखा जा चुका है। दो दिन पहले ही भदभदा पुल क्षेत्र में एक मगरमच्छ सड़कों पर देखा गया था। बुधवार शाम को समरधा रेंजर एके झवर ने पुष्टि करते हुए बताया कि मगरमच्छ बड़े तालाब के बैक वॉटर से निकलकर भदभदा की तरफ गया है। राहगीरों ने इसकी सूचना दी थी। यह अकेली घटना नहीं है, बल्कि बीते एक साल में छह बार मगरमच्छ को सड़कों के आसपास देखा जा चुका है। इनमें से एक मगरमच्छ की संदिग्ध हालत में मौत हो चुकी है। जबकि तीन मगरमच्छ को भदभदा क्षेत्र के आसपास से पकड़कर वन विहार नेशनल पार्क में छोड़ा जा चुका है।
वन्यप्राणी विशेषज्ञ एके बरोनिया का कहना है कि मगरमच्छ की संख्या बढ़ी है, तभी ये बाहर निकल रहे हैं। दरअसल, गर्मी की तरह मौजूदा स्थिति में पानी की कमी जैसी भी कोई स्थिति नहीं है, जिससे कि मगरमच्छ बाहर निकले। इस स्थिति का विधिवत अध्ययन होना चाहिए और जरुरत के हिसाब से तार-फेंसिंग समेत अन्य कदम उठाए जाने चाहिए
विभाग को नहीं पता मगरमच्छ की संख्या
इधर, भोपाल सामान्य वन मंडल के अधिकारियों को मगरमच्छ की संख्या पता नहीं है। समरधा रेंज के रेंजर एके झंवर का कहना है कि बड़े तालाब व कलियासोत डैम में कभी मगरमच्छ को लेकर कोई सर्वे नहीं किया। इस कारण संख्या की जानकारी नहीं है। फिर भी समय-समय पर सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं
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