भाजपा मंडल चांदो के अध्यक्ष पद के चुनाव में विवाद इतना बढ़ा कि 450 पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। वहीं कुसमी मंडल में नवनियुक्त अध्यक्ष को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। यहां चुनाव अधिकारी पर मनमाने तरीके से अध्यक्ष थोपे जाने का आरोप लगना शुरू हो गया है। आम सहमति से अध्यक्ष मनोनीत करने वरिष्ठ नेताओं की सोच पर जमीनी कार्यकर्ता यह कहते हुए आपत्ति दर्ज करा रहे हैं कि जिला स्तर पर पहले से नाम तय कर मंडल में आकर सिर्फ लिफाफा खोलने का काम किया जा रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। मंगलवार को चांदो मंडल में अध्यक्ष चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश का माहौल है।
आरोप है कि चुनाव अधिकारी व पर्यवेक्षक द्वारा मनमाने तरीके से मंडल अध्यक्ष का नाम तय कर लिया गया था। चुनाव अधिकारी व पर्यवेक्षक पर मनमाना निर्णय लेने का आरोप लगाकर एक हजार कार्यकर्ता निराश होकर घर चले गए थे तथा 450 बूथ अध्यक्ष सक्रिय कार्यकर्ता, जिला कार्यसमिति सदस्य, महिला कार्यकर्ताओं ने तत्काल सामूहिक इस्तीफा दे दिया। चांदो मंडल के कार्यकर्ताओं का मानना था कि सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेते हुए मंडल अध्यक्ष का चुनाव किया जाए, लेकिन वर्तमान मंडल अध्यक्ष द्वारा दो-चार कार्यकर्ताओं के साथ गुप्त रूप से मंडल अध्यक्ष का नाम तय कर भेजा गया था।
आम कार्यकर्ताओं को विश्वास में नहीं लेने के कारण कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी गई। कार्यकर्ताओं की मांग थी कि विकास मंडल को अध्यक्ष बनाया जाए या अन्य दावेदारों के बीच चुनाव कराया जाए, परंतु चुनाव अधिकारी द्वारा एकतरफा निर्णय लेते हुए मंडल अध्यक्ष चुन लिया गया। उधर भाजपा मंडल कुसमी के अध्यक्ष का चुनाव विवादों में घिर गया है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बगैर आम सहमति के मंडल अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी गई। चुनाव पर्यवेक्षकों द्वारा संजय जायसवाल को मंडल अध्यक्ष मनोनीत किए जाने की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ता नाराज हैं और उनके द्वारा किसी दूसरे को मंडल अध्यक्ष की जवाबदारी देने की मांग की जा रही है।
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