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दीपावली के बाद भगवान को 56 भोग लगाने का सिलसिला चल पड़ा है। शहर में आज भाई दूज मनाई जाएगी


 दीपावली पर्व के दूसरे दिन सोमवार को घरों से लेकर मंदिरों में गोवर्धन पूजन कर लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग का अर्पण किया। इस दिन ग्वालों ने विशेष रूप से गायों को तैयार कर पूजन किया। पंच महापर्व का समापन मंगलवार को भाईदूज के साथ होगा।


गोवर्धन पूजन के लिए मंदिरों में भगवान को छप्पन भोग का अर्पण किया गया। जिसके बाद प्रसाद वितरित किया गया। ऐसा कहा जाता है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए जब भगवान ने गोवर्धन पर्वत उठाया तो वे सात दिनों तक भोजन नहीं कर पाए। जिसके बाद मां यशोदा ने उन्हें छप्पन भोग का अर्पण किया था। तभी से यह पर्व मनाया जाता है। इसी दिन ग्वाल अपने गोवंश को रंगरोगन कर तैयार करते हैं और गायों के साथ खुशी का पर्व मनाते हैं


श्रीकृष्ण मंदिरों में किया गया पूजनः


शहर के श्रीकृष्ण मंदिरों में भगवान का विशेष पूजन किया गया। पूजन के लिए बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। निवाड़गंज स्थित अन्नपूर्णा में छप्पन भोग का अर्पण किया गया। इसी तरह हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट में प्रसाद अर्पण किया गया। स्वामी रामचंद्रदास ने गोवर्धन पर्वत को भगवान द्वारा अपनी अंगुली पर उठाए जाने की कथा सुनाई गई। इसके पश्चात बुंदेलखंड के मयूर पंखधारियों ने नृत्य की प्रस्तुति दी


सुबह 6 बजे से भाईदूज का पूजनः


पर्व के दूसरे दिन मंगलवार को बहनें अपने भाई का तिलक पूजन कर लंबी उम्र की प्रार्थना करेंगी। पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि द्वितीया तिथि मंगलवार को सुबह 6ः04 बजे से बुधवार को सुबह 3ः38 बजे तक रहेगी। मान्यता है कि भाई दूज के दिन अगर भाई-बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह मंगलकारी और कल्याणकारी होता है। इस त्योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है


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