उत्तर प्रदेश के बिजनौर में रोडवेज बस में शनिवार को 30 वर्षीय अश्विनी कुमार नाम के एक शख्स ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। वह जॉनी दादा और टिक-टॉक विलेन के रूप में भी मशहूर था। पुलिस ने बताया कि अश्विनी तीन हत्याओं में मुख्य संदिग्ध था, जो खुद को 'खलनायक' के रूप में पेश करने के लिए टिक-टॉक वीडियो अपलोड करता था। उसने फेसबुक पर कई हिंसक संदेश पोस्ट किए थे- जिनमें लिखा था- 'मैं सब कुछ नष्ट कर दूंगा', 'शैतान अब तैयार है' और 'मेरा कहर देखें'।
बताया जा रहा है कि 27 सितंबर को एक विवाद के बाद उसने स्थानीय भाजपा नेता के 25 वर्षीय बेटे और उनके भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा उसने एक लड़की की भी हत्या कर दी थी, जिसने अश्विनी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। अश्विनी के सिर पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था और इसके साथ ही वह बिजनौर के मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था
पिछले एक हफ्ते से पुलिस की 15 टीमें अश्विनी की तलाश में दबिश दे रही थीं। शुक्रवार को बिजनौर के नगीना इलाके में उसके मौजूद होने का पता चला था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विश्वजीत श्रीवास्तव ने कहा- वह यहां से फरार होने की फिराक में था और रोडवेज की बस से दिल्ली जाने के लिए उसमें सवार हुआ था। स्थानीय पुलिस की टीम ने रात करीब 1.15 बजे बस को रुकवाया।
उसने अपना मुंह सफेद रुमाल से ढंक रखा था। इस पर दो हवलदारों को उस पर संदेह हुआ। जैसे ही पुलिसकर्मी उसके करीब पहुंचे वह घबरा गया और उसने अपनी बंदूक निकालकर सिर पर गोली मार ली। अश्विनी की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने उसके पास से एक पिस्तौर, दो मैग्जीन और 14 पेज का लेख बरामद किया है, जिसमें उसने तीनों हत्याओं की विस्तार से जानकारी लिखी हैअश्विनी ग्रेजुएट ता और उसके पिता धामपुर तहसील की एक गन्ना सहकारी समिति में क्लर्क थे। उसका बड़ा भाई देहरादून की एक निजी कंपनी में काम करता है। उसके परिजनों ने बताया कि अश्विनी दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम करता था, लेकिन उसने अचानक नौकरी छोड़ दी थी। उनके परिवार का मानना है कि उनके लगातार नशा करने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा था
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