इंदौर दिवाली पर हर साल जितना प्रदूषण होता है, उसकी तुलना में इस साल शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी कम रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार यह पहली बार हुआ है और बीते पांच साल की तुलना में सबसे कम है। केवल महूनाका इलाके में रात के समय कुछ घंटों के लिए इसकी मात्रा बढ़ी थी लेकिन कुछ घंटों बाद स्थिति फिर सामान्य हो गई। पिछले पांच वर्षों की तुलना में यह काफी कम रहा है। इधर ध्वनि प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। बोर्ड के मुख्य प्रयोगशाला अधिकारी डॉ. डीके वाघेला के अनुसार इस बार दिवाली पर होने वाली निगरानी काफी खास थी। पहली बार शहर में 4 स्थानों पर रियल टाइम निगरानी मशीनों से पटाखों से होने वाले प्रदूषण का स्तर दर्ज किया जा रहा है।
शहर में दशहरे पर हुई निगरानी में प्रदूषण छह गुना तक बढ़ गया था। आशंका जताई जा रही थी कि दिवाली पर बड़े पैमाने पर प्रदूषण होगा। बोर्ड ने 20 अक्टूबर से ही गणना जारी कर दी थी। यह लगातार 4 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद इसका विस्तृत अध्ययन भी किया जाएगा। वाघेला ने बताया कि हम लोगों ने इस बार 6 स्थानों पर निगरानी की थी। इसमें पीएम 10 का औसत 84 रहामहूनाका सबसे प्रदूषित क्षेत्र : डॉ. वाघेला के अनुसार, महू नाका क्षेत्र शहर का सबसे अधिक प्रदूषित इलाका रहा। यहां पर पीएम 10 की मात्रा 682 तक पहुंच गई थी। विजय नगर में यह मात्रा 297 और रीगल क्षेत्र में 257 रहा जबकि पोलोग्रांउड में यह सबसे कम 182 रहा
..इधर सामान्य दिनों से भी कम बिजली की खपत!
दिवाली के दिन बिजली की खपत सामान्य दिनों के मुकाबले भी कम रही। पिछले साल के मुकाबले यह करीब 15 प्रतिशत कम है। बिजली कंपनी के अनुसार रविवार को 300 मेगावॉट बिजली की खपत हुई, जबकि सामान्य दिनों में यह करीब 340 मेगावॉट तक रहती है। पिछले साल दिवाली पर करीब 355 मेगावॉट बिजली की खपत हुई थी। दिवाली के दिन बिजली की खपत कम होने के पीछे इस त्योहार का रविवार को आना व बारिश को वजह बताया जा रहा है। धनतेरस के मुकाबले दिवाली पर करीब 142 मेगावॉट बिजली की खपत कम रही
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