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मध्‍यप्रदेश में डिफॉल्टरों के मामले में सख्त हुआ ईपीएफओ, भेजे नोटिस


भोपाल। प्रदेश में कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते का पैसा सरकार के खजाने में जमा करने के बजाय अपनी तिजोरी में रखने वाले संस्थानों के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सख्ती बरतने का निर्णय कर लिया है। प्रदेश में ऐसे डिफॉल्टर संस्थानों की संख्या हजारों में है। इन सभी संस्थानों को नोटिस देकर अभियोजन एवं कुर्की की कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया गया है।


भोपाल कमिश्नरेट में ही डिफॉल्टरों की संख्या 400 से अधिक बताई गई है, जबकि प्रदेश के अन्य कमिश्नरेट में ऐसे संस्थान हजारों में हैं। ईपीएफओ ने इन संस्थानों को नोटिस भेजकर तुरंत ही कर्मचारियों का अंशदान की बकाया राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं


पिछले दिनों विभाग कुछ संस्थान के संचालकों को जेल की हवा भी खिला चुका है। हाल ही में ईपीएफओ ने मंडीदीप स्थित दो साल से डिफॉल्टर घोषित दौलतराम इंजीनियरिंग फैक्टरी के संचालक के बैंक खाते अटैच कर 1.21 करोड़ रुपए वसूल किए हैं। संस्थान पर कुल तीन करोड़ रुपए से अधिक की रिकवरी निकाली गई थी। कुछ संस्थान संचालकों के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई के बाद अदालत ने सजा भी सुनाई है।


सात करोड़ की रिकवरी निकल रही


विभागीय सूत्रों का कहना है कि डिफाल्टरों के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 के तहत बैंक खाते अटैच करने और गाड़ियों को कुर्क करने जैसी कार्रवाई की तैयारी है। भोपाल रीजन में ही विभिन्न् संस्थानों पर करीब सात करोड़ रुपए की रिकवरी निकल रही है। ईपीएफओ ने संस्थानों को नोटिस देकर समयावधि के भीतर बकाया राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद ईपीएफओ द्वारा गिरफ्तारी वारंट और संपत्ति कुर्की जैसी कार्रवाई की जाएगी।


बकाया अंशदान जमा करने के निर्देश


भोपाल कमिश्नरेट में ईपीएफओ के क्षेत्रीय कमिश्नर एसके सुमन ने बताया कि संस्थानों को शीघ्र ही कर्मचारियों का बकाया अंशदान जमा करने को कहा गया है। समयावधि बीतने के बाद डिफॉल्टर संस्थानों के खिलाफ अधिनियम के तहत अभियोजन एवं अन्य सख्त कार्रवाई भी की जाएगी


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