इंदौर मैग्निफिसेंट मध्य प्रदेश में निवेश बढ़ाने के इरादे से प्रदेश सरकार मैग्निफिसेंट एमपी का आयोजन कर रही है। इस आयोजन में देश के बड़े औद्योगिक घराने शामिल हुए हैं। लेकिन रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी इस आयोजन में शामिल नहीं हुए। लेकिन वेबकास्टिंग के जरिए जरूर उन्होंने मध्य प्रदेश क्यों मैग्निफिसेंट है, ये बताया। मुकेश अंबानी ने कहा कि, बोर्ड मीटिंग के चलते मैं यहां नहीं आ पाया। लेकिन भारत के मध्य में नहीं, मन में विराजमान है मध्य प्रदेश। ये मेरा भी है। मध्य प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ के विजन ने मुझे काफी प्रभावित किया है। बीते कुछ सालों में हमने यहां बीस हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है। जियो प्रदेश को डिजिटल दुनिया से जोड़ने का काम कर रहा है। आज मध्य प्रदेश डेटा के इस्तेमाल के मामले में जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों से भी आगे है। आने वाले कल में हम पेट्रोल रिटेल आउटलेट की संख्या को दोगुना करेंगे।
जानिए बाकी औद्योगिक घरानों के प्रमुखों ने क्या कहा
अदि गोदरेज, गोदरेज ग्रुप
यहां आने से पहले मैंने अपने बिजनेस हेड से पूछा था कि अगर मुख्यमंत्री कमलनाथ से किसी मुद्दे पर बात करनी हो तो बताएं। तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई मुद्दा ही नहीं, जिस पर बात की जाए। इससे अंदाजा लगता है कि प्रदेश की सरकार उद्योगों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने को लेकर कितनी संजीदा है। आने वाले वक्त में कंपनी यहां 700 करोड़ का निवेश करेगी
संजीव पुरी, आईटीसी चेयरमैन
आईटीसी चेयरमैन ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अपार संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, आईटीसी पहले से ही यहां एग्रीकल्चर, मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेस सेक्टर में निवेश कर रही है। खासतौर पर फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में मध्य प्रदेश उनकी पहली पसंद है। इसका उदाहरण वो 31 हजार चौपाल केंद्र और 11 चौपाल सागर हैं। जिसके जरिए आईटीसी ने सूबे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी है। हमारा आशीर्वाद आटा, सनफीस्ट के प्रोडक्ट यहां के अनाजों से बनते हैं। मध्य प्रदेश में हम आलू का नया बीज देंगे। सबसे अच्छा गेहूं शरबती यहां है। जल्द ही हम यहां सौ एकड़ का औषधीय फार्म भी बनाएंगे
दिलीप संघवी, चेयरमैन, सन फार्मा
दिलीप संघवी ने कहा कि, सन फार्मा जल्द ही देवास और मालनपुर की अपनी यूनिट का विस्तार करेगी। बीते कुछ सालों में हमने यहां 500 करोड़ का निवेश किया है। हालांकि उन्होंने बिजली का मुद्दा जरूर उठाया। उन्होंने कहा कि फार्मा इंडस्ट्री के लिए बिजली की उपलब्धता अहम होती है। ऐसे में अगर इसकी लागत प्रतिस्पर्धी होगी तो इससे उद्योग को फायदा होगा। ऐसे में मुख्यमंत्री को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
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