प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय सऊदी अरब के दौरे के बाद भारत लौट आए हैं। अपने इस दौरे पर प्रधानमंत्री ने रियाद में आयोजित तीसरे 'दावोस इन द डेजर्ट' सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए निवेशकों को भारत आने का न्योता दिया। इस सम्मेलन में उन्होंने सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सौद समेत देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आतंकवाद की निंदा करने के साथ ही द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति दी। प्रधानमंत्री के इस दौरे पर भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा, तेल, गैस, व नागरिक विमानन के क्षेत्र में एक दर्जन से ज्यादा समझौते हुए हैं। इसके अलावा एक सामरिक साझेदारी परिषद का भी गठन किया गया। यह महत्वपूर्ण मसलों पर समन्वय करेगी
सऊदी कंपनियों को उर्जा के क्षेत्र में निवेश का न्योता
प्रधानमंत्री मोदी ने दावोस सम्मेलन की तर्ज पर रियाद में दावोस इन डेजर्ट सम्मेलन 'फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनीशिएटिव-2019' के एक सत्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में 100 अरब डॉलर (करीब सात लाख करोड़ रुपए) के निवेश का लक्ष्य तय किया है। मोदी ने कहा कि भारत बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर निवेश का प्रस्ताव देता है। भारत का लक्ष्य अगले पांच साल में पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है। लिहाजा सरकार की योजना बुनियादी ढांचा क्षेत्र में ही अगले पांच साल में 105 लाख करोड़ रुपए के निवेश की है
तेल-गैस के खुदरा कारोबार में निवेश करेंगी कंपनियां
पीएम मोदी कहा है कि सऊदी अरब की कंपनियां भारत के तेल और गैस रिटेलिंग सेक्टर में निवेश की तैयारी कर रही हैं। यह निवेश दोनों देशों के बीच हुए रणनीतिक समझौते का हिस्सा होगा। इस समझौते में दोनों देशों के हित शामिल होंगे। समझौते के बाद सऊदी अरब को भारत में एक स्थायी खुदरा बाजार मिल सकेगा। गौरतलब है कि सऊदी अरब की कंपनी अरैमको और यूएई की कंपनी एडनॉक ने भारत की सरकारी कंपनियों के साथ प्राथमिक समझौता किया है। इसके तहत ये कंपनियां भारत के पश्चिमी तट पर 12 लाख बैरल प्रतिदिन की क्षमता वाली रिफाइनरी लगाएंगी। इस रिफाइनरी में इन कंपनियों की 50 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
इसके अलावा सरकार भारत पेट्रोलियम में अपनी 53.29 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रोकेमिकल्स एंड रिफाइनिंग बिजनेस में अरैमको 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर रही है। संयुक्त राष्ट्र का औजार के तौर पर हो रहा इस्तेमालपीएम मोदी ने इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र में 21वीं सदी की वास्तविकताओं के अनुसार सुधारों पर भी जोर दियाउन्होंने कहा कि कुछ देशों ने संयुक्त राष्ट्र को विवाद सुलझाने की संस्था के रूप में इस्तेमाल करने की बजाय एक औजार के रूप में इस्तेमाल किया, जबकि कुछ कानून का पालन नहीं करते, कुछ कानून के बोझ तले दबे हैं
0 टिप्पणियाँ