महज कुछ साल पहले दुनिया में दस्तक देने वाले वॉइस असिस्टेंट वाले डिजिटल प्रोडक्ट्स लोगों के घरों में तेजी से पहुंच रहे हैं। इन प्रोडक्ट्स के आने से जहां लोगों की जिंदगी आसान हुई है वहीं निजता में भी खलल पड़ने लगा है। पिछले कुछ समय में एलेक्सा प्रोडक्ट्स को लेकर कईं बार सवाल उठे हैं कि इसकी मदद सो दूर बैठे लोग आपके बेडरूम में होने वाली चीजों को सुन सकते हैं। सिर्फ आपकी अमांड पर टीवी का चैनल बदलने से लेकर आपका पंसदीदा गाना तक चलाने वाले इन प्रोडक्ट्स ने जिंदगी तो आसान बनाई है लेकिन चिंता की बात यह है कि एलेक्सा, गूगल होम और सिरी जैसे डिजिटल असिस्टेंट जासूसी का जरिया भी बन सकते हैं। ये आपकी निजता के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। हालांकि, अमेजन ने दावा किया है कि हैकिंग की यह बात केवल स्टडी करे वालों ने ही कही कही है और उनके प्रोडक्ट्स में सुरक्षा के उपाय हैं।
शोधकर्ताओं का दावा है कि इन्हें लेजर किरणों से हैक किया जा सकता है। अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी और जापान के शोधकर्ताओं ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अमेजन के एलेक्सा, एपल के सिरी और गूगल होम को नियंत्रित करने का तरीका खोज निकाला है। इन डिजिटल डिवाइस को लेजर किरणों के जरिए सैकड़ों फीट की दूरी से नियंत्रित किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी में स्थित 140 फीट ऊंचे बेल टावर पर चढ़कर करीब 230 फीट दूर रखे गए गूगल होम डिवाइस को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया। उनका कहना है कि वे लेजर किरणों के जरिए 350 फीट से ज्यादा दूर से आवाज के जरिए संचालित डिजिटल असिस्टेंट को हैक कर सकते हैं।
इस तरह हो सकता है हैक
सात माह से अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने यह पाया कि डिवाइस में लगे माइक्रोफोन आवाज होने पर प्रकाश को लेकर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। हर माइक्रोफोन में एक छोटी प्लेट लगी होती है। इसे डायफ्राम कहते हैं और आवाज के टकराने पर इसमें गतिविधि होती है। लेजर या फ्लैशलाइट के माध्यम से डायफ्राम की गतिविधि को दोहराया जा सकता है। इस तरीके से उत्पन्न आवाज पर असिस्टेंट प्रतिक्रिया दे सकता है।
माइक्रोफोन को री-डिजाइन करने की जरूरत
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस समस्या के समाधान के लिए ज्यादातर माइक्रोफोन को री-डिजाइन करने की जरूरत है क्योंकि ये माइक्रोफोन रोशनी के प्रति संवेदनशील पाए गए हैं।
पहले भी जताई गई चिंता
डिजिटल असिस्टेंट में सेंध लगाने की यह पहली हैरान करने वाली खोज नहीं है। अमेरिका और चीन के शोधकर्ता पहले ही यह प्रदर्शित कर चुके हैं कि वे ऐसे गोपनीय कमान के जरिए इन्हें नियंत्रित कर सकते हैं, जिनकी कान को भनक तक नहीं लग सकती।
कंपनियों को दी गई जानकारी
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के निष्कर्ष के प्रति इन डिजिटल असिस्टेंट को बनाने वाली कंपनियों को अवगत करा दिया है। इस पर कंपनियों ने कहा कि वे इन निष्कर्षों का अध्ययन कर रही हैं। जबकि अमेजन की एक महिला प्रवक्ता ने कहा कि शोधकताओं के अलावा किसी अन्य ने यह नहीं बताया कि रोशनी के जरिये इन्हें हैक किया जा सकता है। हमारे डिजिटल असिस्टेंट के ग्राहकों के पास सुरक्षा के अन्य कई उपाय भी हैं
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