भोपाल अंतरराष्ट्रीय विंध्य हर्बल मेला 18 से 22 दिसंबर तक लाल परेड ग्राउंड पर प्रस्तावित है। दो साल बाद आयोजित हो रहे मेले में ग्राहकों को लाने के लिए कवि सम्मेलन, लॉफ्टर-शो की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। मेले में एशियाई देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का जिम्मा आईआईएफएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट) को सौंपा गया है।
वन मेले का राजधानी के लोगों को सालभर इंतजार रहता है, क्योंकि मेले में परंपरागत इलाज करने वाले औषधि के जानकार आते हैं और प्रदेश के जंगलों से इकठ्ठा की गईं औषधियां भी लाई जाती हैं। इस बार मेले का इंतजार ज्यादा लंबा हो गया। नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव के चलते मेले का आयोजन नहीं हो सका, इसलिए इस बार के आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। मप्र राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक एसके मंडल बताते हैं कि मेले तक लोगों को लाने के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं।
इन देशों को भेजा आमंत्रण
मेले में क्रेता-विक्रेता सम्मेलन किया जाता है। इसमें वन समितियों के सदस्य, ग्रामीण, औषधियों के जानकार और विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। ग्रामीणों को अपनी औषधि के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराने इस बार नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार, मलेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड, वियतनाम के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
98 लाख का इंतजाम
मेला आयोजन स्थल पर तैयारियां करने के लिए फर्म्स लालूजी एंड संस को 98 लाख रुपए का ठेका दिया जा रहा है। पिछले साल की तुलना में यह राशि ज्यादा है, लेकिन उस हिसाब से इंतजाम भी बढ़ गए हैं। डोम, टेंट, अस्थाई दुकानें और अन्य सभी इंतजाम यह संस्था करके देगी।
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