इंदौर देश का पहला और अकेला ऐसा शहर होगा जहां बिजली के एक लाख स्मार्ट मीटर होंगे। अगले सप्ताह शहर के खाते में यह रिकॉर्ड दर्ज होगा। आठ-नौ नवंबर को शहर में एक लाखवां मीटर लगा दिया जाएगा। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को देखने के लिए मणिपुर के बिजली वितरण विभाग के अधिकारी भी इंदौर पहुंचे। बिजली कंपनी ने लगभग सालभर पहले परमाणु नगर फीडर पर प्रायोगिक तौर पर पहले स्मार्ट मीटर लगाए थे। कंपनी की योजना शुरू में सिर्फ 70 हजार मीटर लगाने की थी। प्रयोग सफल रहा और इन मीटरों की बदौलत बिजली की हानि और चोरी में आई कमी से प्रोत्साहित होकर कंपनी ने धीरे-धीरे पूरे शहर को ही नए मीटरों के दायरे में लेने की कवायद शुरू कर दी। पहले उन हिस्सों में ये मीटर लगाए गए जहां बिजली चोरी ज्यादा हो रही थी।
बिजली कंपनी के एमडी विकास नरवाल के मुताबिक शहर में अब तक 97 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। सात से आठ दिन में स्मार्ट मीटरों की संख्या एक लाख तक पहुंच जाएगी। अभी राजवाड़ा से लगे शिवविलास पैलेस क्षेत्र (जीपीएच जोन) में मीटर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ खजराना क्षेत्र के काली मंदिर फीडर और संगम नगर जोन के कुशवाह नगर फीडर के उपभोक्ताओं के यहां भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। इस आधार पर शहर का एक लाखवां स्मार्ट मीटर भी इन फीडरों में ही कहीं लगेगा। इसी के साथ इंदौर शहर में सबसे ज्यादा स्मार्ट मीटर होने का रिकॉर्ड बन जाएगा। देश के किसी भी शहर में इतनी संख्या में स्मार्ट मीटर नहीं लगे हैं। दिल्ली-मुंबई की निजी बिजली आपूर्ति कंपनियों ने ऐसे मीटर लगाए हैं, लेकिन उनकी संख्या कुछ हजार में ही है।
मेहमान अधिकारियों को दी जानकारी
बिजली कंपनी के स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को देखने मणिपुर से चार अधिकारी पहुंचे। उन्होंने बिजली कंपनी के एमडी विकास नरवाल, अधीक्षण यंत्री शहर अशोक शर्मा व अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली समझी। अधिकारियों ने स्मार्ट मीटर के लिए बना कंट्रोल रूम बताकर रिमोट डिसकनेक्शन की तकनीक के साथ ही डेटा एनालिसिस की प्रक्रिया भी समझाई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट मीटर की बदौलत बिजली चोरी रुक गई है। इससे राजस्व वसूली में वृद्धि हो रही है। कनेक्शन काटने और जोड़ने के लिए भी फील्ड स्टाफ को चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। फीडर और ट्रांसफॉर्मरों के स्तर पर सप्लाई और बिल की गणना भी संभव हो सकी है। अब तक मणिपुर समेत देश के 15 राज्यों के अधिकारी स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को देखने इंदौर आ चुके हैं। भारत सरकार की रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (आरईसी) और पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) जैसी एजेंसियों के अधिकारी भी इसे मॉडल प्रोजेक्ट मानकर देखने पहुंचे थे।
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