इंदौर शहर में प्री-पेड बिजली व्यवस्था लागू करने के लिए पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सरकार से मंजूरी लेने की तैयारी में है। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी के लिए भोपाल भेजा जाएगा। सरकार से हरी झंडी मिली तो इंदौर प्रदेश का पहला शहर होगा, जहां मोबाइल सेवा की तरह बिजली भी प्री-पेड रिचार्ज के जरिए मिल सकेगी। बिजली कंपनी ने शहर में लगाए गए नए स्मार्ट रेडियो फ्रिक्वेंसी आधारित मीटर के दम पर प्री-पेड बिजली व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार किया है। इसी महीने शहर के बिजली उपभोक्ताओं के घर लगने वाले इन बिजली मीटरों की संख्या एक लाख होगी। इन मीटरों में ऐसी सुविधा दी गई है जिसके जरिए कम्प्यूटर सिस्टम से बिजली की आपूर्ति नियंत्रित की जा सके।
सभी स्मार्ट मीटरों को बिजली कंपनी के एक ही कंट्रोल रूम से नियंत्रित किया जाता है। हर मीटर का यूनिक आईडेंटिटि नंबर होता है। नंबर के आधार पर हर मीटर कंट्रोल रूम पर सिग्नल भेजता है। कम्प्यूटर में ही कमांड देकर उस मीटर का बिजली प्रवाह रोका जा सकता है या शुरू किया जा सकता है। इसी आधार पर बकाया होने पर कनेक्शन काटने की कार्रवाई सीधे कंट्रोल रूम से की जा रही है।
नए साल में शुरू हो सकती है व्यवस्था
इस मीटर में सुविधा है कि कंट्रोल रूम पर एडवांस कमांड डालकर तय किया जा सकता है कि किस उपभोक्ता के यहां कितने यूनिट तक सप्लाई करना है उसके बाद रोक दी जाए। प्री-पेड सिस्टम लागू करने के लिए यह सिस्टम मददगार है। सरकार से मंजूरी मिली तो नए साल में बिजली की नई व्यवस्था शहर में लागू की जा सकती है।
शुरुआत टाउनशिप से
बिजली कंपनी के प्रस्ताव के मुताबिक प्री-पेड मीटरिंग की शुरुआत शहर की चुनिंदा टाउनशिप से की जाएगी। टाउनशिप के रहवासी संघों को राजी कर पायलट प्रोजेक्ट के तहत उन्हें प्री-पेड बिजली लेने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए उन्हें खास छूट भी दी जा सकती है। इससे बिजली कंपनी को लाभ होगा कि राजस्व एडवांस में खाते में आ सकेगा। बाद में वसूली के संसाधन झोंकने और कनेक्शन काटने जैसी कार्रवाई की जरूरत नहीं होगी।
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