इंदौर। पुलिस ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इंदौर पुलिस को सूचना मिली थी कि विक्रम गोस्वामी तथा शाहुबुद्दीन नामक व्यक्ति लोगों को झांसे में लेकर उनसे मोटी रकम ऐंठकर ठगी कर रहे हैं। थाना सराफा पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये पतारसी कर आरोपी विक्रम पिता अधीर गोस्वामी को रतलाम कोठी इंदौर तथा शाहुबुद्दीन को 78 कोयला बाखल इंदौर से धरदबोचा। आरोपी विक्रम पिता अधीर गोस्वामी उम्र 44 साल ने पुलिस टीम को प्रांरभिक पूछताछ में बताया कि वह कक्षा 11 वीं तक पढ़ा है लेकिन उसकी तकनीकी गैजेट्स पर अच्छी पकड़ है। आरोपी ठगी करने से पूर्व दिल्ली मुंबई कोलकाता आदि शहरों में अस्थायी तौर पर अलग-अलग प्रकार के काम करता था, जिसमें एंटिक करेंसी की खरीदी बिक्री, फायर वर्क तथा फुटपाथ पर तौलियां बेचने आदि का काम शामिल है।
पैसों की लालच ने उसे ठगोरा बना दिया, जिसने षणयंत्रपूर्वक योजनाबद्ध तरीके लोगों को झांसे में लेकर करोड़ों रूपये की ठगी कर डाली। आरोपी ने खुद ही विभिन्न प्रकार की सील स्टांप, स्पेशल सीबीआई ऑफिसर के जाली परिचय पत्र तैयार किये थे। आरोपी का पहली पत्नी से तलाक होने के बाद उसने दूसरी शादी की थी, जिसका पहली शादी से एक लड़का है। आरोपी ने कबूला कि उसके बेटे के स्कूल में एडमिशन के लिए लगने वाले दस्तावेजों में टीसी, तथा तलाक के बाद दूसरी मां का नाम बेटे के जन्म प्रमाण पत्र पर दर्ज कराने के लिए फर्जी सील सिक्कों का प्रयोग किया था। इससे स्कूल प्रबंधन को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराकर, गुमराह किया।
आरोपी शाहबुद्दीन पिता मुजफ्फर मलिक उम्र 31 ने बताया कि वह सराफा बाजार में सोना चांदी के आभूषणों पर पालिश व सौदंर्यीकरण का कार्य करता है। आरोपी शाहबुद्दीन को भी विक्रम गोस्वामी ने सीबीआई में नौकरी करना तथा आरपी (चावल खींचने वाला सामान जो कॉपर का बना हुआ होता है) का काम करना बताया था। आरोपी विक्रम ने आरोपी शाहबुद्दीन को बताया था कि उसके द्वारा आरपी भारत सरकार को पूर्व में दी जा चुकी है जोकि बहुमूल्य वस्तु है, आरोपी विक्रम गोस्वामी ने आरोपी शाहबुद्दीन को यह कहकर झांसे में लिया कि उसने सरकार को आरपी देते वक्त कई लोगों को ग्रुप में जुड़ा होना बताया था। इसलिए सरकार जब पैसा देगी तो वो कई लोगों को एक साथ शासकीय पैसा दिला सकता है, उसके बदले एक परिपत्र भरकर लोगों को जोड़ना है जिनसे पैसे लेकर बदले में उन्हें 1-1 करोड़ रूपये से अधिक रूपये वह सरकार से दिलवायेगा।
लोगों को जोड़ने के लिए शाहबुद्दीन ने विक्रम गोस्वामी के कहे अनुसार, अन्य लोगों को जोड़ना शुरू किया जिनसे 27 हजार गवर्मेन्ट लायसेन्स फीस तथा निवेश की राशि करोड़ों रुपए अलग-अलग लोगों से ली गई और आश्वासन दिया गया कि आपका पुलिस वेरिफिकेशन भी होगा। अगर कोई केस थाने में रजिस्टर्ड पाया जाता है तो फर्म(ग्रुप) से आपका नाम हटाया जाकर आपके पैसे वापस कर दिए जाएंगे, सभी बिन्दुओं पर सही जानकारी पाई जाने पर सभी खर्च व सरकार की फीस काटकर करीब 5 करोड़ का फायदा लोगों को करवाएगा। इसके पैसे एक नवंबर तक खाते में आ जाएंगे।
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