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कृषि कर्मण अवार्ड के लिए फर्जी आंकड़े जुटाने वाले मध्‍यप्रदेश के अफसरों पर होगी कार्रवाई


 प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री सचिन यादव ने ऐलान किया है कि कृषि कर्मण अवार्ड के लिए फर्जी आंकड़े जुटाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। मामले की जांच बिठाई जा रही है, पूर्ववर्ती सरकार ने कृषि विकास दर के भी झूठे आंकड़े पेश किए। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कृषि मंत्री यादव ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों के साथ छल किया, खुद की प्रसिद्धि और ऋण माफी का ढोल पीटा। देशभर में मप्र की कृषि विकास दर 20 से 24 प्रतिशत बताई गई लेकिन सरकार बदलने पर हकीकत सामने आई। 2013-14 में माइनस 1.9 प्रतिशत, 14-15 में 1.3 प्रतिशत, 15-16 में माइनस 4.1 एवं 16-17 में 0.1 प्रतिशत थी।


उन्‍होंने कहा कि इसका मतलब है कि किसान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो गया, यही कारण है कि किसानों की आत्महत्या में प्रदेश अव्वल रहा। उन्होंने बताया कि फर्जी आंकड़े देकर कृषि कर्मण अवार्ड लिए गए इसकी जांच की जा रही है दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी


फसल बीमा योजना, जैविक खेती, गोशाला, जय किसान समृद्धि योजना, शुद्ध का युद्ध अभियान, भावांतर में केंद्र का भेदभाव का ब्योरा दिया। साथ ही एक साल के दौरान किसानों की ऋण माफी और देश में सबसे सस्ती बिजली देने सहित अन्य उपलब्धियां गिनाईं। कर्जमाफी के सवाल पर उन्होंने दावा किया कि प्रथम चरण में हमने 20 लाख किसानों का ऋण माफ किया, किसानों को दो लाख रुपए तक एनपीए का लाभ एवं चालू खाते में 50 हजार रुपए तक का लाभ दिया। दूसरे चरण में भी दो लाख तक ऋण माफी करेंगे


मंत्री ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने 2017-18 व 2018-19 के लिए फसल बीमा का 2301 करोड़ रुपए का राज्यांश बीमा कंपनियों का जमा नहीं किया इसलिए हमें फसल बीमा 2019 का केंद्र सरकार अपना हिस्सा नहीं दे रही जबकि इस साल खरीफ के राज्यांश 509.60 करोड़ रुपए हम बीमा कंपनियों को दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि अतिवर्षा से मप्र में 60 लाख हेक्टेयर की फसलें चौपट हो गईं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री-गृहमंत्री से मुलाकात की। बिहार और कर्नाटक को राशि दे दी लेकिन प्रदेश को 6600 करोड़ की राशि नहीं मिली


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