मध्यप्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में टीवी क्विज सीरियल कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) पैटर्न पर बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इससे बच्चों का जनरल नॉलेज मजबूत होगा। इसमें गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदि विषयों पर आधारित क्विज प्रतियोगिता संबंधित सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। केबीसी की तर्ज पर बच्चों को क्विज प्रतियोगिता खेलने का मौका मिलेगा। उत्कर्ष प्रोजेक्ट के तहत बच्चों को आईटी से जोड़कर सरकारी स्कूलों के बच्चों को स्मार्ट बनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। प्रदेश के 12 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे अब 315 हायसेकंडरी स्कूलों में 20 हजार विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा। इसके लिए स्कूलों में प्रोजेक्टर, कम्प्यूटर्स, इंटरनेट कनेक्शन और जनरेटर्स की व्यवस्था की जाएगी। इस प्रतियोगिता के लिए मोइनी फाउंडेशन ने विषय आधारित प्रश्नों का सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
केबीसी पैटर्न पर क्विज आयोजन के लिए स्कूलों में नौवीं और दसवीं की कक्षाओं में नियमित पीरियड के अलावा एक अतिरिक्त पीरियड भी रखा जाएगा। इन चयनित स्कूलों में डेस्क टॉप कम्प्यूटर के माध्यम से कक्षाओं में जनरल नॉलेज पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को वितरित लैपटॉप और टैबलेट्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
शिक्षकों को भी किया जाएगा प्रशिक्षित
इस प्रतियोगिता के लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 21 नोडल सेंटर्स बनाए गए हैं। हर सेंटर पर 15 स्कूलों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग होगी। स्मार्ट टीचर्स को सिस्टम ड्राइव में किसी प्रकार की त्रुटि होने पर नोडल अधिकारी सही तरीका बताएंगे। प्रत्येक नोडल सेंटर में दो चैंपियन नियुक्त किए गए है। प्राचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी, उप निदेशक भी अपने सिस्टम के क्विज एकेडमी पोर्टल खोलकर आईटी बेस्ड शिक्षण का जायजा ले सकेंगे।
इस तरह के सवाल होंगे
हर विषय के प्रश्नों के उत्तर का चार विकल्प दिया जाएगा। केबीसी आधारित शिक्षण में हॉट सीट पर खेलने वाले छात्र को 50-50 और ऑडियंस पोल के ऑप्शन भी रखे गए हैं। स्वविवेक और हेल्प लाइनों के इस्तेमाल के बावजूद सवाल के गलत जवाब देने वाले छात्र क्विज से बाहर हो जाएंगे। उसके स्थान पर दूसरे छात्र को हॉट सीट पर बैठाया जाएगा।
एंड्रायड फोन पर भी खेल सकते हैं
उत्कर्ष प्रोजेक्ट की क्विज प्रतियोगिता एंड्रायड फोन या विंडोज पर भी खेली जा सकती है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी छात्रों के ई-मेल आईडी जारी किए जाएंगे। जिन छात्रों के पास अपने निजी कम्प्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट हैं, वे सॉफ्टवेयर डाउनलोड करके स्कूल, घर या कहीं भी इस क्विज प्रतियोगिता और प्रशिक्षण का लाभ ले सकेंगे। विद्यार्थियों के साथ शिक्षक की योग्यता का भी पता चलेगा। गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदि विषय शिक्षकों को उनके विद्यार्थियों की काबिलियत का पता चलेगा। अभिभावक भी बच्चों की योग्यता को ऑनलाइन देख सकेंगे।
इस प्रतियोगिता के लिए स्कूलों में तैयारी के निर्देश दे दिए गए हैं। इससे बच्चों का जनरल नॉलेज मजबूत होगा।- नितिन सक्सेना, डीईओ भोपाल
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